
बलिदानियाें के परिजनों ने कहा – अभी भी अधूरी है हमारी खुशी
पलामू, 14 सितंबर (Udaipur Kiran) । पलामू जिले के मनातू जंगल में रविवार काे सुरक्षाबलों और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में पांच लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुखदेव यादव के मारे जाने के बाद बरेवा और परता गांव को लोगों में खुशी का मौहौल है। तीन सितंबर की रात टीएसपीसी के उग्रवादियाें के साथ मुठभेड़ में उक्त गांवों के रहने वाले झारखंड पुलिस के दो जवान बलिदान को गए थेे।
टीएसपीसी के उग्रवादियाें के साथ तीन सितंबर की रात मुठभेड़ में हैदरनगर प्रखंड के बरेवा गांव निवासी संतन मेहता और परता गांव निवासी सुनील कुमार शहीद हो गए थे। उस घटना के बाद से दोनों गांवों का माहौल शोकाकुल था। परिजनों की आंखों में आंसू थे, मगर दिल में इस बात की कसक भी थी कि उनके लाल की शहादत का बदला कब लिया जाएगा।
इनामी उग्रवादी के मारे जाने की खबर मिलते ही शहीद संतन मेहता के गांव बरेवा में लोगों की भीड़ जुट गई। उनकी पत्नी सरिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्होंने भावुक होकर कहा कि मेरे पति ने देश की खातिर प्राण न्योछावर कर दिए। मुखदेव यादव के मारे जाने की खबर से थोड़ी तसल्ली मिली है, लेकिन अभी हमारी संतुष्टि अधूरी है। जब तक शशिकांत गंझू और उसकी पूरी टोली का खात्मा नहीं होता, तब तक यह जख्म भरेगा नहीं।
वहीं, शहीद सुनील कुमार के गांव परता में जैसे ही यह खबर पहुंची, लोग घर-घर जाकर परिजनों को ढांढस बंधाने लगे। सुनील के बड़े भाई अनिल ने कहा कि भाई ने जिस मिट्टी में जन्म लिया, उसी मिट्टी की रक्षा के लिए उसने जान दे दी। हमें गर्व है कि वो बलिदान हुआ। लेकिन हमें असली सुकून तब मिलेगा जब पलामू से नक्सलियाें और उग्रवादियाें का नामोनिशान मिट जाएगा। आज हमें विश्वास हुआ है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। लेकिन असली सुकून तब मिलेगा जब पलामू की धरती पूरी तरह नक्सल और उग्रवाद मुक्त हो जाएगी और फिर किसी मां को अपना लाल खोना नहीं पड़ेगा।
दोनों गांवों के लोगों ने सुरक्षाबलों के इस अभियान का स्वागत किया। ग्रामीणों ने कहा कि अब उग्रवादियों की खैर नहीं। उन्होंने मांग की कि सुरक्षा बल अभियान को और तेज करें, जिससे कि शशिकांत गंझू जैसे खूंखार नक्सली का भी जल्द खात्मा हो सके और फिर किसी बहन को अपना भाई और किसी भाई को अपना भाई नहीं खोना पड़े।
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(Udaipur Kiran) / दिलीप कुमार
