Madhya Pradesh

अनूपपुर: 14 खण्डपीठों में 1269 प्रकरणों का निराकरण

पति पत्नी राजी खुशी एक दूसरे काे माला पहनाते हुए
पति पत्नी राजी खुशी एक दूसरे काे माला पहनाते हुए 2

अनूपपुर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य मध्यस्थता एवं राजीनामें के आधार पर 7 प्रमुख प्रकरणों में राजीनामा करा निराकरण किया गया। मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनूपपुर माया विश्वलाल के मार्गदर्शन में 13 सितम्बर को जिला एवं सत्र न्यायालय अनूपपुर सहित तहसील सिविल न्यायालय कोतमा/राजेन्द्रग्राम में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके लिए 14 खण्डपीठों का गठन किया गया था।

14 खण्डपीठों में जिला स्तर पर 07, तहसील सिविल न्यायालय कोतमा में 04 एवं राजेन्द्रग्राम में 03 खण्डपीठ का गठन किया गया। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक 134, चैक बाउंस 61, क्लेम प्रकरण 11, वैवाहिक प्रकरण 27, विद्युत प्रकरण 72, अन्य सिविल प्रकरण 40, आई.पी.आर. मेटर/कंजूमर मेटर 04 एवं अन्य 407 एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरण 513, इस प्रकार कुल 1269 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें कुल राशि 33098629/-(तीन करोड़ तीस लाख अंठानवे हजार छः सौ उन्तीस रूपयें) की राशि अवॉडिड की गई।

इसके पूर्व जिला न्यायालय अनूपपुर में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माया विश्वलाल के द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र में पुष्पमाला अर्पित कर एवं दीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ किया। इस अवसर में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय मनोज कुमार लढ़िया, द्वितीय जिला न्यायाधीश/संयोजक नेशनल लोक अदालत नरेन्द्र पटेल, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी चैनवती ताराम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विनोद कुमार वर्मा, सुधा पाण्डेय न्यायिक मजिस्ट्रेट, बॉबी सोनकर न्यायिक मजिस्ट्रेट, सृष्टि साहू न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला विधिक सहायता अधिकारी बृजेश पटेल, जिला अधिवक्ता बार संघ से अध्यक्ष संतोष सिंह परिहार, सचिव राम कुमार राठौर, शासकीय अभिभाषक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा, लीगल एड डिफेंस काउंसेल संतदास नापित, जिला अधिवक्ता संघ के समस्त अधिवक्तागण खण्डपीठ के सुलहकर्ता सदस्यगण, पैरालीगल वालेंटियर्स तथा जिला न्यायालय एवं जिला प्राधिकरण अनूपपर के समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

जिला न्यायालय अनूपपुर में आयोजित नेशनल लोक अदालत में कुटुम्ब न्यायालय में पक्षकारों के मध्य मध्यस्थता एवं राजीनामें के आधार पर 6 एवं कोतमा में 1 प्रकरण का निराकरण किया गया।

सोनू राठौर बनाम दुर्गा राठौर

नेशनल लोक अदालत प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अनूपपुर मनोज कुमार लढ़िया द्वारा पति सोनू राठौर एवं पत्नि दुर्गा राठौर दोनों को दाम्पत्य जीवन निर्वाहन करने की समझाईश दी गई। साथ ही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माया विश्वलाल द्वारा दोनो दम्पतियों को भविष्य में एक एवं नेक रहने की समझाईश दी गई। जिसके उपरांत दोनों पति-पत्नि एक साथ राजी खुशी से घर चले गये। पति सोनू राठौर द्वारा अपनी पत्नि दुर्गा राठौर के साथ विवाह की पुनः स्थापना हेतु न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था।

अजय महरा विरूद्ध दुर्गा महरा

पति एवं पत्नि के मध्य विवाद होने से आवेदक के द्वारा विवाह विच्छेद याचिका कुटुम्ब न्यायालय अनूपपुर के समक्ष प्रस्तुत की गई। जिसमे प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अनूपपुर मनोज कुमार लढ़िया द्वारा दोनों को दाम्पत्य जीवन निर्वाहन करने की समझाईश दी गई। साथ ही प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा दम्पतियों को आपस में मिलजुल कर रहते हुए अपने परिवार की प्रतिष्ठा और अपने स्वयं के जीवन में उन्नति एवं विकास करते हुए एक खुशहाल जीवन व्यतीत करने की समझाईश के उपरांत दोनों पति-पत्नि एक साथ राजी खुशी घर गए।

मीरा कोल बनाम देवशरण कोल

आवेदिका द्वारा अपने पति से भरण-पोषण की मांग कुटुम्ब न्यायालय अनूपपुर से की गई थी। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश माया विश्वलाल ने उभय पक्षकारों के मध्य, विवाद समाप्त कर सुखमय जीवन व्यतीत करने और एक साथ मिलकर बच्चों की परवरिश करने की समझाईश दी, जिस पर उभयपक्ष एक साथ घर जाने के लिए राजी हो गए।

(Udaipur Kiran) / राजेश शुक्ला

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