
– दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन IAFOCON-25 एनएफएसयू में प्रारंभ
गांधीनगर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । 22वां राष्ट्रीय और दूसरा अंतरराष्ट्रीय भारतीय फोरेंसिक दंत चिकित्सा सम्मेलन (IAFOCON-25) राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू), गांधीनगर में शनिवार को शुरू हुआ। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह के मुख्यातिथि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो. (डॉ.) माणिक साहा ने अपने संबोधन में कहा कि दंत चिकित्सा केवल मुस्कान के लिए नहीं है बल्कि फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी के माध्यम से न्याय और मानवीय गरिमा को बहाल करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। निर्भया, निठारी और हाल ही में हुए अहमदाबाद विमान दुर्घटना जैसे मामलों में, दंत चिकित्सा ने अज्ञात पीड़ितों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि जब कानून और दंत चिकित्सा का मेल होता है, तो सबसे भयावह त्रासदियों में भी सच्चाई सामने आ सकती है। उन्होंने शोधकर्ताओं से मानवता की सेवा के रूप में फोरेंसिक ओडोंटोलॉजी में सटीकता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सटीक दंत चिकित्सा रिकॉर्ड आवश्यक हैं और चिकित्सा समुदाय द्वारा उनका सावधानीपूर्वक रखरखाव किया जाना चाहिए।
एनएफएसयू के कुलपति, पद्मश्री से सम्मानित डॉ. जे.एम. व्यास ने अपने संबोधन में मानव पहचान के लिए प्रत्येक व्यक्ति की विशिष्ट विशेषताओं – बाल और रक्त से लेकर आवाज़ और दांतों तक– के महत्व को समझाया। उन्होंने एक राष्ट्रीय दंत रजिस्ट्री की स्थापना की वकालत की, जो राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के सहयोग से आपदा प्रबंधन में मानव पहचान के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि जहां ओडोन्टोलॉजी उम्र और लिंग का निर्धारण करने में अत्यंत उपयोगी है, वहीं एनएफएसयू चिकित्सा-कानूनी विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस परिवर्तनकारी चुनौती का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
ओस्लो-नॉर्वे विश्वविद्यालय की डॉ. सिग्रिड क्वाल ने ओडोन्टोलॉजी के विकास पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पल्प-टूथ अनुपात विधि से लेकर एमआरआई और एआई का उपयोग करके उन्नत तकनीक तक, दंत आयु निर्धारण के विकास पर जानकारी दी। आईएएफओ के अध्यक्ष डॉ. आर. वी. सोलोमन ने अपराधों को सुलझाने और मानव पहचान प्रयासों को बढ़ाने में मदद के लिए राष्ट्रीय दंत डेटा रिकॉर्ड के लिए जागरूकता पैदा करने पर ज़ोर दिया।
इस अवसर पर मनोज अग्रवाल, आईपीएस, डी.जी.-सीआईडी (अपराध एवं रेलवे), डॉ. सिग्रिड क्वाल, ओस्लो-नॉर्वे विश्वविद्यालय, डॉ. आर. वी. सोलोमन, अध्यक्ष, आइएएफओ, पद्मश्री से सम्मानित, डॉ. जे.एम. व्यास, कुलपति, एनएफएसयू, प्रो. (डॉ.) एस.ओ. जुनारे, परिसर निदेशक-एनएफएसयू, सी.डी. जडेजा, कार्यपालक कुलसचिव-एनएफएसयू मंच पर उपस्थित थे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में भारत और विदेश से 300 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उद्घाटन समारोह में सचिव डॉ. जयशंकर पिल्लई ने आईएएफओ की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। एनएफएसयू-गांधीनगर परिसर के निदेशक प्रो. (डॉ.) एस.ओ. जुनारे ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. (डॉ.) राजेश बाबू ने धन्यवाद ज्ञापन किया। उद्घाटन समारोह में, छात्रों सहित प्रतिभागियों के अलावा, एनएफएसयू के विभिन्न विद्यालयों के डीन और एसोसिएट डीन भी उपस्थित थे।
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(Udaipur Kiran) / Abhishek Barad
