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दहेज मांगने के आरोपितों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक

इलाहाबाद हाईकाेर्ट

–शिकायतकर्ता को नोटिस, जवाब तलब

प्रयागराज, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वैवाहिक विवाद में दहेज उत्पीड़न और मारपीट छेड़खानी सहित अन्य धाराओं में दर्ज मामले में ननद, ननदोई के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और शिकायतकर्ता स्वाती कटियार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

न्यायिक मजिस्ट्रेट कानपुर द्वारा पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने के मामले में ननद दीक्षा कटियार व आकांक्षा कटियार व नंदोई बिजेंद्र प्रताप सिंह निवासी दबौली ने केस कार्यवाही को चुनौती दी है। पत्नी ने पति शिवम कटियार सहित सास, नंद, ननदोई के ऊपर मारपीट दहेज उत्पीड़न व देवर पर छेड़खानी का केस थाना गोविंदनगर कानपुर में दर्ज कराया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने प्रभा कटियार व 4 अन्य की याचिका पर दिया है।

याची ने कहा कि घटना वाले दिन ननद दीक्षा कटियार डॉक्टर से इलाज कराने कानपुर अपने ससुराल आई थी उसी समय उनके जीजा बृजेंद्र प्रताप सिंह व बड़ी बहन आकांक्षा कटियार भी अस्पताल में मौजूद थे और 27 मई 2024 को दीक्षा ,आकांक्षा व नंदोई बृजेन्द्र विदेश मलेशिया चले गए थे। स्वाति कटियार की ओर से पूरे परिवार को झूठा दहेज उत्पीड़न के मामले में फंसाया गया है और देवर पर छेड़खानी का मामला दर्ज कराया गया है।

जबकि पत्नी की ओर से बार-बार ससुराल की प्रॉपर्टी अपने नाम करने का सास और पति शिवम के ऊपर दबाव बनाया जा रहा था। कहासुनी के बाद सास प्रभा कटियार ने पति शिवम कटियार व स्वाति कटियार को अपनी चल अचल संपत्ति से न्यायालय द्वारा बेदखल कर दिया तब दोनों लोग गुड़गांव जाकर अलग रहने लगे। जहां पर फिर स्वाति कटियार के द्वारा प्रॉपर्टी अपने नाम करने का दबाव बनाने लगी और पति का उत्पीड़न करने लगी। वहां जाकर पुलिस में कम्प्लेंट कर फिर सुलह भी कर लिया। इस प्रकार पति का उत्पीड़न किया और पत्नी की बात न मानने पर कुछ दिन बाद उसने झूठा मुकदमा में पूरे परिवार को फंसा दिया। जिस पर हाईकोर्ट ने दोनों नंद और नंदोई के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश पारित किया और विपक्षी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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