जम्मू, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहाड़ी ज़िले डोडा के ज़िला मुख्यालयों और अन्य प्रमुख कस्बों के बाज़ारों में शनिवार को रौनक लौट आई। अधिकारियों ने बताया कि इस हफ़्ते की शुरुआत में आम आदमी पार्टी के मौजूदा विधायक मेहराज मलिक को कड़े जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए जाने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों में छह घंटे की ढील देने की घोषणा की गई।
आप की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख मलिक को सोमवार को कथित तौर पर सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उनकी हिरासत के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जिसके बाद अधिकारियों ने डोडा में निषेधाज्ञा लागू कर दी और मोबाइल इंटरनेट व ब्रॉडबैंड सेवाएँ बंद कर दीं।
अधिकारियों ने बताया कि दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक डोडा, भद्रवाह और अस्सार में प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की है जिससे दुकानदारों को अपने प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति मिल जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में यातायात भी चलता रहा और अब तक ढील की अवधि शांतिपूर्ण रही है और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
पुलिस और नागरिक प्रशासन द्वारा नागरिक समाज के सदस्यों और स्थानीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई जिन्होंने धीरे-धीरे सामान्य गतिविधियों को बहाल करने का सुझाव दिया।
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों को पाँच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्रित न होने देने का निर्देश दिया गया है क्योंकि पूरे ज़िले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है।
उपायुक्त हरविंदर सिंह ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और सुरक्षा उपाय के तौर पर प्रतिबंध जारी रखे गए हैं। सिंह ने कहा कि हाल ही में आई बाढ़ और भारी बारिश के कारण सभी इमारतों की सुरक्षा जाँच के बाद ज़िले के स्कूल अगले हफ़्ते कक्षाओं के लिए फिर से खुलेंगे।
इस बीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप मेहता ने कहा कि फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार को रोकने के लिए एहतियाती उपाय के तौर पर ज़िले में मोबाइल और ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएँ फिलहाल निलंबित रहेंगी।
स्थानीय निवासियों ने बाज़ारों को खोलने की अनुमति देने के प्रशासन के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम उन लोगों को बहुत ज़रूरी राहत प्रदान करेगा जो आप विधायक की नज़रबंदी के बाद से प्रतिबंधों से जूझ रहे हैं।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
