
श्रीनगर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । आम जनता और विशेष रूप से वादी जनता को त्वरित, लागत प्रभावी और कुशल विवाद समाधान प्रदान करने की संवैधानिक प्रतिबद्धता को पूरा करने के अपने प्रयास को जारी रखते हुए जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण ने न्यायमूर्ति अरुण पल्ली, मुख्य न्यायाधीश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय (मुख्य संरक्षक, जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण) के संरक्षण में न्यायमूर्ति संजीव कुमार कार्यकारी अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण के गतिशील नेतृत्व में एमएसीटी दावों, वैवाहिक विवादों, परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत चेक बाउंस मामलों, धन वसूली, वाणिज्यिक विवादों और समझौता योग्य आपराधिक अपराधों सहित विभिन्न मामलों में सौहार्दपूर्ण निपटान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2025 की तीसरी राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया।
उनके आगमन पर कार्यकारी अध्यक्ष का स्वागत जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव शाजिया तबस्सुम, एनआईए कोर्ट कुपवाड़ा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश इकबाल अहमद मसूदी तथा जिला न्यायपालिका के अन्य न्यायिक अधिकारियों और अन्य नागरिक प्रशासन ने किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति संजीव कुमार को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
अपने दौरे के दौरान न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने विभिन्न पीठों का निरीक्षण किया और पीठासीन अधिकारियों, पीठों के सदस्यों, अधिवक्ताओं और वादियों से बातचीत की तथा लोक अदालत के सुचारू संचालन के लिए किए गए प्रबंधों की सराहना की। कई मामलों का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। समय पर न्याय प्रदान करने के प्रतीक के रूप में इस अवसर पर पात्र दावेदारों के बीच कई एमएसीटी मुआवजे के चेक भी वितरित किए गए जिससे लाभार्थियों को तत्काल राहत मिली।
न्यायालय परिसर के एडीआर केंद्र में न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने एलएडीसी और दंड वकीलों के साथ एक बातचीत का आयोजन किया। उन्होंने कैदियों द्वारा निपटाए जा रहे मामलों की प्रगति के बारे में प्रतिक्रिया मांगी और उनसे समय पर सुनवाई और मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए अधिक समर्पण और उत्साह के साथ काम करने का आग्रह किया जिससे लंबित मामलों की संख्या कम से कम हो।
बाद में न्यायमूर्ति संजीव कुमार ने जिला जेल कुपवाड़ा का दौरा किया जहाँ उन्होंने सभी बैरकों का निरीक्षण किया और कैदियों से बातचीत कर उनके मामलों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने जेल में भोजन और स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था सहित प्रदान की जा रही सुविधाओं की भी समीक्षा की और कैदियों से सीधे प्रतिक्रिया प्राप्त की।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में कार्यरत विभिन्न विधिक सेवा संस्थानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार दिन भर चली राष्ट्रीय लोक अदालत में 167 पीठों द्वारा लिए गए कुल 3,06,851 मामलों में से 2,39,533 मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया गया जिसमें मोटर दुर्घटना दावे, सिविल, आपराधिक, श्रम विवाद, बिजली और पानी के बिल, भूमि अधिग्रहण, पारिवारिक मामले, चेक अनादर और बैंक वसूली आदि जैसे मामलों में मुआवजे/निपटान राशि के रूप में 50,50,78,932 रुपये शामिल थे।
जम्मू-कश्मीर विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव शाजिया तबस्सुम ने बताया कि चालू कैलेंडर वर्ष की चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत 13 दिसंबर, 2025 को आयोजित की जाएगी और जो वादी अपने मामलों को आज की लोक अदालत में सूचीबद्ध नहीं करा सके या किसी कारण से उनका निपटारा नहीं कर सके, वे अगली लोक अदालत में इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
