75 जिलों में अधिकारियों और प्रबुद्धजनों ने जनता से किया सीधा संवाद
लखनऊ, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047”’ अभियान को जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है। शनिवार तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, शिक्षकों, व्यवसायियों, उद्यमियों, कृषकों, स्वयंसेवी संगठनों, श्रमिक संगठनों, मीडिया और आम जनमानस से संवाद किया। इस दौरान प्रदेश की विगत आठ वर्षों की विकास यात्रा साझा की गई और भविष्य के रोडमैप पर चर्चा कर व्यापक फीडबैक प्राप्त किया गया।
सवा लाख से अधिक फीडबैक दर्जअभियान के तहत बनाए गए विशेष पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर अब तक सवा लाख फीडबैक दर्ज हो चुके हैं। इनमें से 88 हजार से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों से और 24 हजार नगरीय क्षेत्रों से प्राप्त हुए। आयु वर्ग के आधार पर करीब 41 हजार सुझाव 31 वर्ष से कम, 65 हजार से अधिक सुझाव 31 से 60 वर्ष के बीच तथा सात हजार से अधिक सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से आए हैं।
शिक्षा पर सबसे ज्यादा फीडबैकजनता ने सबसे अधिक महत्व शिक्षा क्षेत्र को दिया। 41 हजार से अधिक सुझाव शिक्षा क्षेत्र से जुड़े मिले। इसके अलावा नगरीय और ग्रामीण विकास पर 19 हजार से अधिक, स्वास्थ्य पर 12 हजार से अधिक, समाज कल्याण पर 10 हजार से अधिक और कृषि क्षेत्र पर 17 हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। यह स्पष्ट करता है कि जनता शिक्षा और कृषि दोनों को भविष्य के विकास का आधार मानती है।
शिक्षा क्षेत्र में सुधार पर जोरशिक्षा क्षेत्र से जुड़े सुझावों में छात्रों के लिए बुनियादी सुविधाओं—स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल, सुसज्जित पुस्तकालय और खेल के मैदान की अनिवार्य उपलब्धता पर बल दिया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा को सशक्त बनाने हेतु हाई-स्पीड इंटरनेट और स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने की मांग उठी।
परीक्षा प्रणाली और रोजगारोन्मुखी शिक्षाफीडबैक में परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु तकनीकी सुधार लागू करने की आवश्यकता बताई गई। साथ ही, शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और ई-लर्निंग पोर्टल के माध्यम से मुफ्त कौशल विकास कोर्स उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया।
निजी शिक्षा की लागत पर चिंताशहरी क्षेत्रों में निजी शिक्षा की बढ़ती लागत से निपटने के लिए लोगों ने सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और संसाधनों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि मजबूत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली ही समान अवसर प्रदान कर सकती है और भविष्य में सामाजिक असमानता को कम कर सकती है।
अभियान से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश की जनता न केवल विकास यात्रा की सहभागी है, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने में भी अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
(Udaipur Kiran) / बृजनंदन
