
बीजापुर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर जिले में स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी अब नक्सलियों के गढ़ के रूप में नहीं बल्कि सुरक्षा बलों की मजबूती के प्रतीक का केंद्र बनेगा। केंद्र सरकार ने यहां सीआरपीएफ वारफेयर प्रशिक्षण स्कूल कर्रेगुट्टा, छत्तीसगढ़ खोलने की मंजूरी दे दी है। सीआरपीएफ वारफेयर प्रशिक्षण स्कूल 700 एकड़ भूमि पर बनने वाला यह प्रशिक्षण कैंप नक्सलियों के खिलाफ जंग में नया मोर्चा साबित होगा।
छत्तीसगढ़ उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कर्रेगुट्टा में बनने वाले इस कैंप के लिए वन्य जीव कल्याण बोर्ड की बैठक में हरी झंडी मिल चुकी है। यह प्रशिक्षण स्कूल आधुनिक हथियारों, जंगल वारफेयर और स्पेशल ऑपरेशंस की ट्रेनिंग देने का प्रमुख केंद्र होगा।
गृहमंत्री शर्मा ने बताया कि विशेषज्ञों का मानना है कि सीआरपीएफ वार फेयर प्रशिक्षण स्कूल कर्रेगुट्टा छत्तीसगढ़ खुलने से न केवल नक्सलियों की कमर टूटेगी बल्कि बस्तर के विकास को भी नई ऊंचाई मिलेगी। यहां कैंप खुलने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी। केंद्र और राज्य सरकार का यह कदम नक्सलियों के गढ़ को पूरी तरह खाली कराने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कर्रेगुट्टा में वॉर फेयर ट्रेनिंग स्कूल खुलना इस बात का संकेत है कि अब नक्सलियों को उनके पुराने ठिकानों से भी बेदखल किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कर्रेगुट्टा पहाड़ को कभी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। मई 2025 में यहां 21 दिनों तक चला ऑपरेशन नक्सलियों के लिए बड़ा झटका था। इस ऑपरेशन में 31 कुख्यात नक्सलियों का सफाया किया गया था, इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बीच यहां अब सीआरपीएफ का वॉरफेयर ट्रेनिंग स्कूल बनना तय हुआ है।
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(Udaipur Kiran) / राकेश पांडे
