Uttar Pradesh

भारत अपने स्वयं की विनिर्माण क्षमताओं का अनावरण करेगाः प्रो. टीजी सीताराम

उपाधि वितरण
सम्बोधित करते प्रो टीजी सीताराम

–ट्रिपल आईटी दीक्षांत समारोह में 648 उपाधियां, अलंकृत हुए छात्र-छात्राएंप्रयागराज, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद (ट्रिपल आईटी) के 20वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को मुख्य सभागार, झलवा परिसर में कुल 648 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर 22 मेधावी छात्रों को पदक भी प्रदान किए गए। समारोह में 440 स्नातक, 176 स्नातकोत्तर, 4 द्वैध डिग्री (एम.टेक व पीएचडी) छात्र तथा 28 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि देश के आत्मनिर्भर भारत की यात्रा अभूतपूर्व ढंग से आगे बढ़ रही है। “चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण तक, भारत ने सिद्ध कर दिया है कि हम अनुयायी नहीं, बल्कि अग्रदूत हैं। रक्षा और एयरोस्पेस के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ जेट इंजन, नौसैनिक पोत और उन्नत मिसाइल प्रणालियां हमारी सामरिक स्वतंत्रता को नई परिभाषा दे रही हैं।”

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का अर्थ अलगाव नहीं है, बल्कि एकीकरण है। यह दुनिया से अपने दरवाजे बंद करने की बात नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर समानता के साथ खड़े होने की बात है। आत्मनिर्भरता का मतलब मानवता को योगदान देना है, केवल प्रतिस्पर्धा करना नहीं। डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीआई, आधार और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी पहलें न केवल शासन और सेवाओं में क्रांति ला रही हैं, बल्कि वैश्विक मानदंड भी स्थापित कर रही हैं।

प्रो. सीताराम ने कहा कि भारत में तकनीकी शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना है जिसके लिए अभी ओपन एआई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये है। यह समझौता भारत के लाखों विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए एआई की शक्ति को सुलभ और उपयोगी बनाएगा। ओपन एआई के सहयोग से हमारा लक्ष्य भारत को नवाचार और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करना है।विशिष्ट अतिथि जेनकोवल स्ट्रेटजिक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुम्बई के चेयरमैन दीपक घैसास ने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने चुपचाप लेकिन निर्णायक रूप से फ्रूगल इनोवेशन (साधारण नवाचार) के केंद्र से उभरकर डीप टेक पावरहाउस का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि भारत का इनोवेशन इकोसिस्टम अब परिपक्व हो रहा है, जिसे साहसिक नीतिगत हस्तक्षेपों, रणनीतिक निवेशों और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में उठाए गए कदमों ने आकार दिया है। इससे देश एक भविष्य-तैयार अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया के सामने भारत की रक्षा और रणनीतिक तकनीक में अद्भुत प्रगति को प्रदर्शित किया है।

मॉर्गन स्टैनली के उपाध्यक्ष तथा ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के पूर्व छात्र कमलेश लोहटी ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर कहा कि आज का यह अवसर केवल शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव नहीं है, बल्कि साहस, धैर्य और महत्वाकांक्षा की उस भावना को भी सलाम है, जिसे आप सभी ने अपनी-अपनी यात्राओं में प्रदर्शित किया है।

ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावने ने कहा कि आईआईआईटी इलाहाबाद देश का एक प्रमुख संस्थान है, जो कार्यक्रमों के साथ-साथ रोबोटिक्स और मशीन इंटेलिजेंस, मानव-कम्प्यूटर इंटरैक्शन, डेटा इंजीनियरिंग और डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और इंटेलिजेंट सिस्टम, और साइबर लॉ-सूचना सुरक्षा जैसे उभरते क्षेत्रों में विशेष स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान सूचना प्रौद्योगिकी और संबद्ध क्षेत्रों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों आयामों के लिए एक ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी वहन करता है।

(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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