Uttrakhand

मुख्यमंत्री ने दी हिंदी दिवस की शुभकामनाएं, बोले- हिंदी के अधिक से अधिक प्रयोग का लें संकल्प

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  उच्च स्तरीय बैठक करते।

देहरादून, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए राजभाषा हिन्दी के गौरव और सम्मान के लिए सभी से सहयोगी बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि अपने दैनिक जीवन में हिन्दी के अधिक से अधिक प्रयोग का भी संकल्प लेना होगा।

मुख्यमंत्री ने जारी अपने संदेश में कहा है कि राज्य सरकार की ओर से हिंदी के उत्थान के लिए निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। हिन्दी हमारी सांस्कृतिक भावनाओं, आकांक्षाओं एवं आदर्शाे का प्रतीक है। किसी भी देश की भाषा ही उसकी संस्कृति एवं परम्पराओं से जोड़ने में मददगार होती है। हिन्दी मात्र भाषा ही नही है बल्कि हमारी सभ्यता व संस्कृति की भी पहचान है। हिन्दी देश की एकता एवं अखंडता का भी आधार है। यह हमारी परंपराओं और हमारी विरासत का बोध कराने वाला एक सतत अनुष्ठान भी है।

उन्होंने कहा कि हिंदी एक भाषा ही नहीं हमारे राष्ट्र की आत्मा भी है। हिंदी ने हमारे समाज को जोड़ा है और हमारी सभ्यता को समृद्ध किया है। विश्व पटल पर हिंदी ने हमें विशेष स्थान दिलाया है। हिंदी केवल हमारे लिए संवाद का माध्यम नहीं है बल्कि हमारी अस्मिता, संस्कृति और भारतीयता का प्रतीक भी है। हिंदी ने विविधता से भरे हमारे समाज को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है। सहजता, सरलता और सामर्थ्य से परिपूर्ण हिंदी में समन्वय की अदभुत क्षमता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से हिंदी को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये जा रहे हैं। ’मन की बात’ कार्यक्रम में उनके ओर से हिंदी का प्रयोग करने से हिंदी को वैश्विक पहचान मिली है।

उन्होंने कहा कि आज विश्व के विभिन्न देशों में हिंदी का अध्ययन किया जा रहा है। हिंदी ने समाज में जागरूकता लाने में भी अहम भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक हिंदी सामाजिक चेतना का भी प्रमुख माध्यम रही है। स्वतंत्रता संग्राम के समय हिंदी संघर्ष की भाषा बनी और देशवासियों को एक सूत्र में बांधने में अहम भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी वैचारिक निष्ठा हिन्दी के प्रति रही है। हिंदी के गौरव को बनाए रखना हम सभी का दायित्व है। हिंदी के विकास के लिए जब हम सभी मिलकर कार्य करेंगे तभी हिंदी को अपेक्षित सम्मान प्राप्त होगा। हिंदी भारत ही नहीं बल्कि विश्व की सबसे अधिक लोकप्रिय भाषाओं में से एक है। हिंदी एक भाषा के रूप में भारतवासियों के बीच सेतु का भी काम करती है। देश की विभिन्न भाषाओं के साथ सामंजस्य बनाने की ताकत भी हिन्दी भाषा में है।—————-

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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