
नई दिल्ली, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । नालसार विश्वविद्यालय और भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आईसीएसआई) ने हैदराबाद में संयुक्त रूप से राष्ट्रीय सम्मेलन कॉर्प-कॉन 2025 आयोजित किया। इस सम्मेलन में शैक्षणिक और कॉर्पोरेट विशेषज्ञों ने पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) सिद्धांतों और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के उभरते ढांचे पर विचार-विमर्श किया।
कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि पर्यावरण, समाज और शासन (ईएसजी) और दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) विषय पर आयोजित कॉर्प-कॉन 2025 के उद्घाटन सत्र को आईआईसीए के महानिदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने संबोधित किया और कॉर्प-कॉन 2025 में ईएसजी एकीकरण और आईबीसी 3.0 पर प्रकाश डाला।
ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने कॉर्पोरेट कानून में ईएसजी से जोड़ने, हितधारक सिद्धांत की प्रासंगिकता, आईबीसी की मध्यस्थता भूमिका और आगामी आईबीसी 3.0 संशोधनों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी हितधारकों के बीच विश्वास निर्माण और सामूहिक उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
