RAJASTHAN

भारत सांस्कृतिक अस्मिता के कारण एक महादेश: प्रो. कौशल

jodhpur

दो दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन

जोधपुर, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । जेएनवी विश्‍वविद्यालय के प्रौढ़ सतत एवं आजीवन शिक्षा विभाग तथा प्रज्ञा निकेतन के संयुक्त तत्वावधान में प्रज्ञा निकेतन छात्रावास परिसर में दो दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसमें संस्कृत विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सरोज कौशल ने भारतीय ज्ञान परंपरा के वैशिष्ट्य पर व्याख्यान दिया।

प्रो. कौशल ने कहा कि भारत केवल भौगोलिक भू-भाग नहीं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक अस्मिता के कारण एक महादेश है। उन्होंने अपने काव्य संग्रह भारत गाथा की कविताओं के उद्धरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि ऋषि, आचार्य, कवि और दार्शनिक हमारी प्रेरणा शक्ति हैं।

विशिष्ट वक्ता के रूप में उर्दू साहित्य की कवयित्री रेणु वर्मा ने भारत गाथा पर विचार व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता विकलांग पुनर्वास एवं प्रशिक्षण संस्थान की अध्यक्ष प्रो. मीना बरडिया ने की। उन्होंने कहा कि भारत गाथा वर्तमान परिस्थितियों में संजीवनी की तरह हृदय को आह्लादित करती है। ईरा सिसोदिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इससे पूर्व कला संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. कन्हैयालाल राजपुरोहित ने स्वामी विवेकानंद की शिकागो वक्तृता पर शोधपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किया।

उन्होंने विवेकानंद के अमेरिका प्रवास की कठिनाइयों और उनके व्याख्यान की विशेषताओं को विस्तार से रेखांकित किया। कार्यक्रम के अंत में आजीवन एवं सतत शिक्षा विभाग के निदेशक डॉ. ओपी टाक ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

(Udaipur Kiran) / सतीश

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