Uttar Pradesh

हिन्दी भाषा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों की पहचान : नित्यानंद सिंह

सम्बोधित करते नित्यानंद सिंह

-पतंजलि ऋषिकुल में हिन्दी दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘मातृभाषा मुस्कान’प्रयागराज, 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । “राष्ट्र भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है।” गांधी जी की यह पंक्ति अत्यंत सार्थक नजर आती हैं। हिन्दी भाषा हमारी संस्कृति एवं संस्कारों की पहचान है। हिन्दी का अपना एक विशेष महत्त्व है। अपने भावों को प्रकट करने का सबसे सशक्त माध्यम हिन्दी ही है। उक्त विचार महर्षि पतंजलि विद्यालय के प्रधानाचार्य नित्यानंद सिंह ने शनिवार को आयोजित हिन्दी दिवस पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि किसी देश की अपनी भाषा ही उसकी वास्तविक पहचान होती है। हिन्दी भाषा को समृद्धि प्रदान करने हेतु हमारा विद्यालय पतंजलि ऋषिकुल सदैव प्रयत्नशील रहेगा। उन्होंने कहा कि इसीलिए हिन्दी के गौरव को बढ़ाते हुए पतंजलि ऋषिकुल में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से हिन्दी दिवस अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर छात्रों ने रचनात्मक लेखन, सूर, तुलसी, मीरा आदि के भजन, विभिन्न विषयों पर नाट्य प्रस्तुतियों का मंचन किया। छात्रों ने सस्वर कविता पाठ, स्लोगन लेखन, चित्रकला, शुभकामना संदेश आदि में प्रतिभागिता की। ‘अंतर्सदनीय समाचार-लेखन’ प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसका विषय था ‘पतंजलि ऋषिकुल की खबरें’।विद्यालय की उपाध्यक्षा डॉ.कृष्णा गुप्ता ने छात्रों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “हिन्दी ही हम सब की पहचान है, हमें इसके महत्त्व को बढ़ाने के लिए सदैव प्रयासरत रहना चाहिए। विद्यालय की निदेशिका रेखा बैद गुप्ता एवं सचिव यशोवर्धन ने बच्चों की प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिन्दी की महत्ता एवं समृद्धि के लिए विद्यालय का प्रयास अत्यंत सराहनीय है।

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(Udaipur Kiran) / विद्याकांत मिश्र

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