
शिमला, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला में नगर निगम द्वारा आशियाना-2 प्रोजेक्ट के तहत निर्मित मकान को पाने के लिए एक महिला ने फर्जी बीपीएल प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला स्थायी सरकारी कर्मचारी है। ढली पुलिस ने इसे लेकर शिकायत मिलने पर आरोपित महिला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।
यह शिकायत नगर निगम शिमला में अतिरिक्त सहायक अभियंता सह परियोजना निदेशक इंजीनियर धीरज कुमार चंदेल द्वारा की गई है। शिकायत में कहा गया है कि संतोष कुमारी निवासी सेट नंबर-4, ब्लॉक-20, आशियाना-दो, ढली ने बीपीएल प्रमाण पत्र का झूठा उपयोग कर आशियाना कॉलोनी में गरीब और बीपीएल परिवारों के लिए बनाए गए मकानों में से एक मकान हासिल किया। जबकि जांच में यह सामने आया कि संतोष कुमारी एक स्थायी सरकारी कर्मचारी है और बीपीएल श्रेणी में नहीं आती। जांच पूरी होने के बाद नगर निगम ने उसे सात दिनों के भीतर मकान खाली करने का नोटिस जारी किया, लेकिन उसने अब तक मकान खाली नहीं किया। इस आधार पर ढली थाना पुलिस ने उसके खिलाफ भादंसं की धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया है।
दरअसल, आशियाना कॉलोनी में गरीब व जरूरतमंद बीपीएल परिवारों के लिए मकान बनाए गए हैं। इन मकानों का मकसद ऐसे लोगों को सिर पर छत उपलब्ध कराना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। ऐसे में किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मकान लेना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि असल जरूरतमंदों का हक छीनने जैसा भी है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
