
अररिया 13 सितम्बर (Udaipur Kiran) । नेपाल में जेन जी आंदोलन के दौरान काफी संख्या में भारतीय नेपाल के विभिन्न इलाकों में फंसे हुए थे। ऐसे ही फंसे भारतीयों में कटिहार का मयंक तीन दिनों तक काठमांडू में फंसा रहा। हिंसक आंदोलन का खौफ से वह काफी दहशत में था। किसी तरह उन्होंने फारबिसगंज माहेश्वरी समाज के राजकुमार लढ़ा को फोन कर अपने फंसे होने की जानकारी दी।
राजकुमार लढ़ा ने नेपाल विराटनगर मारवाड़ी युवा मंच (मायुमं) के अध्यक्ष मोहित लालवानी से संपर्क कर जानकारी दी। जिसके बाद मोहित लालवानी के प्रयास से काठमांडू में फंसे युवक को बीती रात फ्लाइट से विराटनगर लाया गया। बीती रात 11 बजे कर्फ्यू के बावजूद मंच के कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर रिसीव कर साथ ले गए और भोजन कराने के साथ उसे रात में रुकने के लिया विराटनगर में व्यवस्था किया। लेकिन मयंक पर नेपाल का खौफ ऐसा छाया हुआ था कि वह किसी तरह घर पहुंचने की जिद करने लगा। जिसके बाद मंच के सदस्य उसे बॉर्डर पर ले गए और नेपाल सेना के साथ भारतीय एसएसबी जवानों को सारी जानकारी दी। जिसके बाद मयंक बॉर्डर पार कर जोगबनी पहुंचा और शनिवार को सुरक्षित घर पहुंच गया ।
मयंक ने मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष मोहित लालवानी,महासचिव मधुर दुगड,सचिव पवन पारख का बहुत बहुत धन्यवाद कहा।वहीं कटिहार से मयंक के पिता राजू खेमानी ने राजकुमार लढा को फोन कर सुरक्षित पुत्र की वापसी पर राजकुमार लढा के साथ विराटनगर मारवाड़ी युवा मंच के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया।
(Udaipur Kiran) / राहुल कुमार ठाकुर
