Jammu & Kashmir

पाक गोलाबारी और हालिया बाढ़ से क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए उपराज्यपाल सिन्हा की पहल का स्थानीय निवासियों ने किया स्वागत

जम्मू, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास रहने वाले निवासियों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की उस पहल का स्वागत किया है जिसमें उन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी, हालिया बाढ़ और आतंकवाद से प्रभावित परिवारों के लिए नए घर बनवाने की पहल की है।

हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एचआरडीएस) इंडिया, जम्मू-कश्मीर के संभागीय आयुक्तों के साथ मिलकर पाकिस्तानी गोलाबारी, हालिया बाढ़ और आतंकवाद के पीड़ितों के लिए 1500 से ज़्यादा घर बनाएगी।

सीमावर्ती इलाकों के निवासियों ने बताया कि हम सालों तक मलबे और डर के बीच रहे। नए घरों के बनने की खबर एक लंबी, अंधेरी रात के बाद सूर्याेदय जैसी लगती है जो हमें भविष्य के लिए उम्मीद देती है।

पुंछ की फ़ातिमा बानो ने कहा कि सीमा पार से हुई गोलाबारी ने दीवारें, छतें और हमारी पहले जैसी शांति को नष्ट कर दिया है। यह सुनकर कि पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित लोगों के लिए नए घर बनाए जाएँगे, हमें उम्मीद है कि हमारे बच्चे अगले हमले के डर के बिना बड़े हो सकेंगे।

पुंछ, उडी और करनाह तंगदार के निवासियों ने इस घोषणा का स्वागत किया। उडी की मेहर बानो ने कहाकि पाकिस्तानी गोलाबारी में हमारा घर आंशिक रूप से नष्ट हो गया था। यह परियोजना हमें उम्मीद देती है कि हम अतीत के लौटने के डर के बिना एक नई शुरुआत कर सकते हैं।

करनाह तंगदार के रशीद अहमद ने कहा कि हमने महीनों तक मदद का इंतज़ार किया है। हमारे इलाके में कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और कुछ निवासियों ने गोलाबारी के दौरान अपने रिश्तेदारों को खो दिया। पहले कोई मुआवज़ा नहीं दिया गया था इसलिए पीड़ितों के लिए नए घर बनाने की घोषणा हमारे लिए एक स्वागत योग्य कदम है और इससे हमें सम्मान के साथ अपना जीवन फिर से शुरू करने में मदद मिलेगी।

अधिकारियों ने कहा कि इस पहल को चरणों में पूरा किए जाने की उम्मीद है जिसमें सबसे ज़्यादा नुकसान झेलने वाले परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस परियोजना का नियंत्रण रेखा पर रहने वालों के लिए सामान्य स्थिति और सुरक्षा बहाल करने की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में स्वागत किया गया है।

गौरतलब है कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को एचआरडीएस इंडिया और संभागीय प्रशासन के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि घरों का निर्माण सिर्फ़ ढाँचे बनाने से कहीं ज़्यादा है। यह सपनों को साकार करने और प्रभावित परिवारों के लिए एक नई शुरुआत प्रदान करने के बारे में है। उन्होंने आगे कहा कि इस पहल का उद्देश्य उन परिवारों की सहायता करना है जिनके घर प्राकृतिक आपदाओं और नागरिक आबादी पर बिना उकसावे की गोलाबारी से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

एचआरडीएस इंडिया आधुनिक सुविधाओं से युक्त तीन बेडरूम वाले स्मार्ट हाउस प्रदान करेगा जो आराम और सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

(Udaipur Kiran) / सुमन लता

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