Uttrakhand

श्रीकृष्ण जन्म सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक: नर्मदाशंकर

कथा व्यास महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी नर्मदाशंकर पुरी महाराज

हरिद्वार, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । आशुतोष भगवान शिव की ससुराल कनखल स्थित श्री यंत्र मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा व्यास महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी नर्मदाशंकर पुरी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाया। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर कथा स्थल पर उत्सव का आयोजन हुआ।

कथा व्यास नर्मदा शंकर पुरी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्म केवल ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि धर्म और अधर्म के बीच संघर्ष में सत्य और न्याय की विजय का प्रतीक है। जब-जब धरती पर पाप और अधर्म का भार बढ़ता है, तब-तब भगवान अवतार लेकर भक्तों की रक्षा करते हैं और दुष्टों का संहार करते हैं। कृष्ण जन्मोत्सव हमें यह भी प्रेरणा देता है कि जैसे कारागार की घोर अंधकारमय रात में भगवान का जन्म हुआ। वैसे ही हर कठिनाई के बाद आशा और प्रकाश का नया मार्ग खुलता है।

उन्होंने कहाकि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने और जीवन को सही दिशा देने का साधन है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि कथा से मिले संदेशों को जीवन में उतारकर समाज को और बेहतर बनाने में योगदान दें।

(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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