सोपोर, 13 सितंबर (Udaipur Kiran) । सोपोर स्थित एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी में आज शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुआ जहाँ सैकड़ों फल उत्पादक और व्यापारी जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की लगातार नाकेबंदी से हुए भारी नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करने के लिए एकत्रित हुए।
मीडिया को संबोधित करते हुए सोपोर फल मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष फैयाज़ अहमद मलिक ने संकट की एक गंभीर तस्वीर पेश की। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर फलों से लदे हज़ारों ट्रक कई दिनों से फंसे हुए हैं जिससे अनुमानित नुकसान 1,000 से 1,200 करोड़ के बीच है। मलिक ने कहा कि उत्पादों की शीघ्र खराब होने वाली प्रकृति का मतलब है कि हर घंटे की देरी हज़ारों उत्पादकों की आजीविका को अपूरणीय क्षति पहुँचा रही है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से एक भावुक अपील में मलिक ने प्रशासन से जम्मू की ओर जाने वाले फलों से लदे वाहनों के लिए तुरंत दो दिन की विशेष यातायात निकासी अवधि प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्थिति को और बेकाबू होने से रोकने के लिए ऐसा उपाय आवश्यक है।
मलिक ने सोपोर से रेल सेवाओं को तत्काल बहाल करने की भी मांग की और तर्क दिया कि रेल संपर्क घाटी के फल उद्योग के लिए जीवन रेखा का काम कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर सेब और अन्य बागवानी उत्पादों का एक प्रमुख निर्यातक है। विश्वसनीय परिवहन के बिना, पूरा क्षेत्र वित्तीय संकट में डूब रहा है।
प्रदर्शनकारी किसानों ने अफसोस जताया कि यह मौसम हाल के दिनों में सबसे खराब मौसमों में से एक रहा है क्योंकि परिवहन में बार-बार व्यवधान के कारण उन्हें भारी नुकसान और बढ़ते कर्ज से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से बिना देर किए हस्तक्षेप करने की अपील की और चेतावनी दी कि आगे कोई भी लापरवाही बागवानी क्षेत्र को पंगु बना सकती है जो स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ लेकिन एक स्पष्ट संदेश के साथ अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी का संकट कश्मीर के कृषक समुदाय के लिए एक बड़ी आपदा में बदल सकता है।
(Udaipur Kiran) / सुमन लता
