
नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । गोवा स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) में 23 सितम्बर को दसवां आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। इसकी घोषणा आयुष मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने राजस्थान के माउंट आबू स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आयोजित सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान की।
उन्होंने कहा कि
आयुर्वेद की शाश्वत परंपरा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि अब प्रत्येक वर्ष 23 सितम्बर को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया जाएगा। अब तक यह दिवस धन्वंतरि जयंती के अनुसार मनाया जाता था।
प्रतापराव जाधव ने कहा कि गोवा में एआईआईए में मुख्य आयोजन का होना, इस राज्य को एक वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में उभरते देखने का प्रतीक है।
गोवा आयुर्वेद दिवस के लिए एक आदर्श वैश्विक मंच है। इसकी अंतरराष्ट्रीय पहचान और वेलनेस संस्कृति इस वर्ष की थीम– ‘जन और जगत के लिए आयुर्वेद’– को और सशक्त बनाएगी। आयुर्वेद दिवस 2025 की थीम “जन और जगत के लिए आयुर्वेद” भारत सरकार की इस दृष्टि को रेखांकित करती है कि आयुर्वेद को एक सतत और समेकित वैश्विक स्वास्थ्य समाधान के रूप में बढ़ावा दिया जाए, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरणीय संतुलन दोनों को साधे।
उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय ने पूरे भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विविध कार्यक्रमों की योजना बनाई है। साथ ही भारतीय मिशनों, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों, वेलनेस संगठनों और प्रवासी भारतीय नेटवर्क के माध्यम से व्यापक वैश्विक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। पिछले वर्ष 150 से अधिक देशों की भागीदारी पर आधारित इस बार का आयोजन और भी बड़े अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा, जिससे भारत की पारंपरिक और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में नेतृत्व की भूमिका और मजबूत होगी।
यह उत्सव भारत की सांस्कृतिक एवं कूटनीतिक पहुंच का भी हिस्सा है, जो आयुर्वेद को केवल परंपरागत भारतीय विज्ञान के रूप में नहीं, बल्कि एक साक्ष्य-आधारित, पर्यावरण हितैषी और आधुनिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के रूप में प्रस्तुत करता है।
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(Udaipur Kiran) / विजयालक्ष्मी
