Jammu & Kashmir

कृषि व शोध क्षेत्र में बड़ा कदम : किसानों को बारहमासी खट्टे पौधे वितरित, ओरल कैंसर पर डाटाबेस लॉन्च

कृषि व शोध क्षेत्र में बड़ा कदम : किसानों को बारहमासी खट्टे पौधे वितरित, ओरल कैंसर पर डाटाबेस लॉन्च

जम्मू, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । किसानों को आधुनिक बागवानी तकनीकों से सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम पहल के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू (सीयूजे) ने शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, जम्मू (स्कॉस्ट-जम्मू) के सहयोग से किसानों को बारहमासी खट्टे (सिट्रस) पौधे वितरित किए। यह कार्यक्रम डॉ. बी.एन. त्रिपाठी, कुलपति स्कॉस्ट जम्मू के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। यह वितरण डेवलपमेंट ऑफ क्वालिटी प्लांटिंग मटेरियल थ्रू प्लांट टिश्यू कल्चर परियोजना के अंतर्गत हुआ, जिसे जम्मू-कश्मीर साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन काउंसिल प्रायोजित कर रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. संजीव जैन, कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी जम्मू ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि यह उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा। वहीं डॉ. एस.के. गुप्ता, निदेशक शोध, स्कॉस्ट जम्मू ने किसानों को विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों से निरंतर मार्गदर्शन लेने की सलाह दी। परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. विनोद गुप्ता ने बताया कि टिश्यू कल्चर आधारित पौधे रोगमुक्त और समान गुणवत्ता वाले होते हैं, जो बेहतर उत्पादन सुनिश्चित करते हैं। इसी बीच डॉ. शेली सेहगल और डॉ. नीरजा शर्मा ने भी किसानों को खट्टे फलों की खेती को बढ़ावा देने और इससे जुड़ी वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाने की अपील की।

कार्यक्रम में किसानों को बताया गया कि बारहमासी सिट्रस किस्म सालभर फल देती है, जिससे उनकी आय का स्थायी स्रोत सुनिश्चित होगा। इसी अवसर पर ओएससीसी इंक डीबी वेब पेज का शुभारंभ बी हुआ। यह ओरल स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से जुड़े लांग नॉन-कोडिंग आरएनए का पहला डाटाबेस है, जिसे डॉ. शेली सेहगल के पर्यवेक्षण में शोधार्थी मनीष कुमार मिश्रा ने विकसित किया है। यह प्लेटफार्म कैंसर शोध में नए रास्ते खोलेगा।

(Udaipur Kiran) / राहुल शर्मा

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