
जींद, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने पिल्लूखेड़ा निवासी स्वर्गीय शहीद सौरभ गर्ग के मामले में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। आयोग की पीठ जिसमें आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्तरा सदस्य (न्यायिक) कुलदीप जैन एवं सदस्य दीप भाटिया सम्मिलित रहे ने यह आदेश शिकायत संख्या 1995/8/2023 में पारित किया।
शुक्रवार को शहीद सौरभ के पिता चंद्रभान ने शिकायत दी थी कि आठ दिसंबर 2012 को जिला जींद के पिल्लूखेड़ा में 11 लोगों की जान बचाते हुए सौरभ ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। घर रसोई गैस सिलेंडर से गैस रिसाव के कारण आग की लपटों में घिर गया था। सौरभ गर्ग ने अपनी जान की परवाह न करते हुए सभीजन को बचाने का काम किया। स्व. सौरभ गर्ग का बलिदान न केवल उनके परिवार का निजी शोक है बल्कि संपूर्ण समाज और राज्य का गौरव भी है। चंद्रभान ने कहा कि वो पिछले एक दशक से इस बलिदान की मान्यता हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। अभिलेख से स्पष्ट है कि उपायुक्त जींद ने घटना के एक सप्ताह के भीतर ही मामले की संस्तुति गृह विभाग हरियाणा सरकार को भेज दी थी। इसके बाद बार-बार पत्राचार हुआ। 22 फरवरी 2013 को हरियाणा विधानसभा में इस घटना पर चर्चा हुई। जहां सदस्यों ने दिवंगत की स्मृति में मौन खड़े होकर श्रद्धांजलि दी। लगातार पत्राचार किया गया लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नही आया। यह उल्लेखनीय है कि उस समय भारत सरकार की ओर से साहसिक कार्यों एवं जीवन रक्षा के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार देने हेतु एक सुव्यवस्थित नीति पहले से ही लागू थी। हरियाणा सरकार इस नीति के अंतर्गत नामांकन भेज सकती थी। किंतु संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्धारित समयसीमा में फाइल आगे न बढ़ाने के कारण मृतक को इस लाभ से वंचित होना पड़ा। न्यायमूर्ति ललित बत्तरा की अध्यक्षता वाले पूर्ण आयोग की सख्त टिपण्णी की है कि यह देरी पूरी तरह प्रशासनिक लापरवाही एवं उदासीनता का परिणाम है और इससे न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज के साथ अन्याय हुआ है। स्पष्ट संस्तुतियों और मामले की असाधारण योग्यता के बावजूद यह मामला समय पर निपटाया नहीं गया और प्रशासनिक विलंब में फंस गया।
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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा
