Jharkhand

झारखंड के बालू घाटों को माफियाओं व दलालों को सौंपना चाहती है हेमंत सरकार: बाबूलाल

प्रेस वार्ता करते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल सहित अन्य

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रांची, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के बालू घाटों की नीलामी के संबंध में बनाए गए नियमावली को लेकर हेमंत सोरेन सरकार को घेरा और बालू घाटों को माफियायों और दलालों के सौंपने की कोशिश का आरोप लगाया।

बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को रांची के हरमू रोड स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की हेमंत सोरेन सरकार झारखंड के बालू घाटों को पूरी तरह माफियाओं और दलालों को सौंपना चाहती है। राज्य सरकार माफियाओं, बिचौलियों, दलालों के इशारे पर काम कर रही है। ऐसा लगता है जैसे नियम माफिया, दलाल, बिचौलिए बना रहे और राज्य के मंत्री और वरीय पदाधिकारी उस पर आंख मूंद कर हस्ताक्षर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता, तो फिर राज्य सरकार स्थानीय युवकों व बेरोजगारों को निजी संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरी दिलाने, 25 लाख तक के ठेका पट्टा स्थानीय युवकों, बेरोजगारों को देने की बात करती। सरकार बालू घाटों की नीलामी, बंदोबस्ती के लिए ऐसी नियम बनाती है, जिसमें गरीब, बेरोजगार, आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के लोग भाग ही नहीं ले सकें।

मरांडी ने कहा कि आज भले ही उच्च न्यायालय ने पेसा कानून नहीं लागू किए जाने के कारण बालू घाटों की नीलामी पर रोक लगाई है । लेकिन हेमंत सरकार की मंशा स्पष्ट हो गई कि यह सरकार ग्राम सभा को अधिकार नहीं देना चाहती और माफिया,दलालों के माध्यम से राज्य के खनिज संसाधनों को लूटना और लुटवाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि यह सरकार अब लूट का नया तरीका अपना रही। इसके तहत राज्य सरकार ने बालू घाटों को जिला स्तर पर समूह में बांटा है। जैसे गोड्डा जिला में 16 घाट ए समूह में हैं, जामताड़ा में 15 घाट ए में और 5 घाट बी समूह में,दुमका जिला में 14 घाट ए, 12 बी और 5 सी समूह में, सरायकेला के 4ए, 7बी समूह में, पूर्वी सिंहभूम में 3 ए और 2 बी, उसी प्रकार गिरिडीह जिले में 3 घाट ए, 2 घाट बी, 3 घाट सी, 6 घाट डी और 2 घाट ई समूह में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इसमें भी लूट का बड़ा खेल रचा गया है। पहले तो नीलामी की निविदा में आवेदन के लिए 15 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष के टर्न ओवर का शर्त लगाया गया। ठीक उसी प्रकार जैसे कि शराब ठेका के लिए 25 लाख रुपये के नॉन रिफंडेबल शुल्क निर्धारित किया गया था। यह सरकार ऐसे शर्त इसीलिए लगाती है, जिससे कि इसमें आदिवासी, गरीब, बेरोजगार युवक शामिल नहीं हो सकें। सिर्फ वही शामिल हो सकेगा, जिसकी सेटिंग और डील पहले ही हो जाती है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसीलिए सरकार को पहले ही पत्र लिखकर चेताया था, लेकिन बात नहीं मानने का परिणाम है कि राज्य के एक वरीय आईएएस अधिकारी और सचिव जेल में हैं और आगे भी अगर सरकार नहीं सुधरी तो फिर सचिव जेल जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान लागू नियम के आधार पर राज्य सरकार अवैध बालू उत्खनन को वैध बनाने की कोशिश कर रही। समूह के एक घाट को भी अगर पर्यावरण की अनुमति मिल जाती है, तो पूरे समूह के घाटों से बालू को उठाने का उपाय किया गया है। पूरे बालू घाट को माफियाओं के हवाले करने की साजिश है।

मरांडी ने राज्य सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की बात कही और मांग की कि हेमंत सरकार ग्राम सभा को बालू घाट का अधिकार दे।

प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक और प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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