शिमला, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बनने जा रहे बल्क ड्रग पार्क को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरणीय मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के बाद अब इस महत्वाकांक्षी परियोजना के विकास का रास्ता साफ हो गया है। यह पार्क भारत में दवा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जा रहा है, जिससे देश की विदेशी सक्रिय फार्मास्युटिकल घटकों (एपीआई) और कच्चे माल (केएसएम) पर निर्भरता कम होगी।
उद्योग विभाग के प्रवक्ता ने शुक्रवार काे बताया कि भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने मार्च 2020 में बल्क ड्रग पार्क योजना की शुरुआत की थी और जुलाई 2020 में इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर परियोजना प्रबंधन एजेंसी को भेजी, जिसके मूल्यांकन के बाद अक्तूबर 2022 में योजना संचालन समिति ने अंतिम मंजूरी प्रदान की।
इस परियोजना को केंद्र सरकार से 996.45 करोड़ रुपये और राज्य सरकार से 1,074.55 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई है। पार्क में 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की संभावना है और इससे करीब 15,000 से 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है।
इस परियोजना का क्रियान्वयन हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है, जो राज्य सरकार के उद्योग विभाग के अंतर्गत कार्य कर रही है। जनवरी 2025 में पर्यावरण आकलन समिति (ईएसी) की बैठक में परियोजना पर विचार किया गया था, जिसके बाद ईएसी की एक उप-समिति ने स्थल का निरीक्षण किया। एनआईटी हमीरपुर द्वारा जल निकासी, विकास योजना, भूकंपीय जोखिम, भूस्खलन और पारिस्थितिकी संबंधी विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट तैयार की गई, जिसके आधार पर पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि ऊना में बनने वाला बल्क ड्रग पार्क हिमाचल प्रदेश को फार्मा उद्योग का अग्रणी केंद्र बनाएगा और युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगा।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पर्यावरणीय मंजूरी मिलने से विकास कार्यों की गति तेज होगी और यह पार्क फार्मा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाएगा।
फार्मा उद्योग से जुड़े विभिन्न संगठनों जैसे फेडरेशन ऑफ फार्मा एंटरप्रेन्योर्स, हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चर एसोसिएशन, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ एसोसिएशन और हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री और परियोजना से जुड़ी पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह पार्क हिमाचल प्रदेश में विश्वस्तरीय फार्मा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा और फार्मास्युटिकल क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
