कोलकाता, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
एसएससी ग्रुप ‘सी’ भर्ती घोटाले में सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में शुक्रवार को बड़ा कदम उठाया गया। अलीपुर अदालत ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत कुल 28 आरोपितों के खिलाफ चार्जफ्रेम किया। सुनवाई के दौरान पार्थ चटर्जी अस्पताल से वर्चुअल माध्यम से पेश हुए। उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि वे राजनीतिक साज़िश का शिकार हुए हैं और अदालत से उन्हें राहत देने की अपील की।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि पार्थ चटर्जी, शांतिप्रसाद सिंह (पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व सलाहकार) और कल्याणमय गंगोपाध्याय (परिषद के पूर्व अध्यक्ष) की मदद से भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई थीं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पार्थ चटर्जी ने कहा कि उन्होंने किसी की नौकरी के लिए सिफ़ारिश नहीं की, बल्कि जिन लोगों को नियुक्त किया गया, वे सभी योग्य उम्मीदवार थे।
पार्थ चटर्जी ने भावुक होकर कहा कि वे साढ़े तीन साल से जेल में हैं। मंत्री रहते हुए उन्होंने 52 विश्वविद्यालय और कई अंग्रेज़ी माध्यम स्कूल स्थापित किए, लेकिन अब वे असहाय हो गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि न्यायपालिका पर भरोसा उठ गया तो समाज के लिए यह गंभीर समस्या होगी। उन्होंने अदालत से अपील की कि उन्हें रिहा किया जाए।
सुनवाई में इस मामले की एक अन्य आरोपी एसएससी अधिकारी पर्णा बसु का भी नाम सामने आया। अदालत ने कहा कि उस समय प्रशासनिक स्तर पर बदलाव हुआ था, जिसमें एक अधिकारी को पद से हटाया गया था और सलाहकार बदलने को लेकर भी आरोप हैं। अदालत सूत्रों ने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को हो सकती है।
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(Udaipur Kiran) / धनंजय पाण्डेय
