
झज्जर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । उप राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो चुका है और नए उप राष्ट्रपति ने शपथ लेकर पदग्रहण भी कर लिया है, लेकिन इन सबके बावजूद उप राष्ट्रपति पद के चुनाव में हुई क्रॉस वोटिंग को लेकर सत्तापक्ष के विरोधी गुट तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं। इसी को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने यहां झज्जर-चरखी दादरी सीमा पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस बात का फैसला इंडिया गठबंधन का नेतृत्व तय करेगा कि गड़बड़ी कहां हुई।
उपराष्ट्रपति चुनाव में हिंदी गठबंधन की ओर से क्रॉस वोटिंग को लेकर कोई आम आदमी पार्टी का नाम ले रहा है तो कोई झारखंड मुक्ति मोर्चा का, लेकिन सच्चाई क्या है इस बात का अभी किसी को पता नहीं है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा शुक्रवार को पूर्व मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के साथ झज्जर विस के गांव बिरोहड़ कालियावास, नीमली सहित कई अन्य गांवों में मानसूनी बरसात के दौरान हुए जलभराव व बर्बाद फसलों का जायज लेने आए थे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और मौके पर ही फोन लगाकर झज्जर के उपायुक्त को जल निकासी का तुरंत प्रबंध करने करने और ग्रामीणों की समस्या को हल करने के लिए कहा।
अभय चौटाला द्वारा पूर्व सीएम चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सबसे बड़ा वोट चोर बताने के बारे में सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि दिन-रात उठते-बैठते हुए अभय चौटाला को केवल मैं और चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही सपने में दिखाई देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अभय चौटाला जितना नाम उनका लेते हैं, यदि उतना नाम भगवान को ले लेते तो उनका कब का कल्याण हो गया होता। अभय चौटाला कुंठित हो चुके हैं इसलिए वह ऊल-जलूल बयानबाजी कर रहे है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि अभय चौटाला की हरियाणा के लोगों को सच्चाई जाननी है तो वह गोपाल कांडा से इसकी स्क्रिप्ट ले सकते है। कैसे अभय चौटाला ने अपने बेटे को चुनाव जीतते ही दिल्ली जाकर मनोहर लाल खट्टर से आशीर्वाद दिलवाना पड़ा था।
इस दौरान सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने पूर्व मंत्री और झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल के साथ प्रदेश में हुए जलभराव को लेकर प्रदेश की नायब सैनी सरकार की घेराबंदी भी की। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार जलभराव मामले में असंवेदनशील सरकार साबित हुई है। सीएम ने मानसून आने से पहले न तो बाढ़ नियंत्रण के लिए बैठक ली और न ही जलभराव रोकने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर कोई तैयारी की। जिसका खामियाजा हरियाणा के किसान को उठाना पड़ा है। सांसद बोले की कांग्रेस राज में हरियाणा के किसान को पंजाब से दो गुणा मुआवजा ज्यादा दिया जाता था। लेकिन मौजूदा सरकार पंजाब से भी आधा मुआवजा किसान को प्रति एकड़ के हिसाब से दे रही है।
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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज
