Uttrakhand

नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग सबसे बुरे दौर में

नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग पर डोलमार के पास मिट्टी से पाटे गये गड्ढे।

नैनीताल, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । पर्वतीय पर्यटन नगरी, जिला एवं मंडल मुख्यालय नैनीताल को हल्द्वानी की ओर से बाहरी दुनिया से जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसे दोहरा करने की बात कही जा रही थी, इतिहास में अपने सबसे बुरे दौर में नजर आ रहा है। स्थिति यह है कि यहां अपने इतिहास में सबसे बुरे दौर में नजर आ रहे राजमार्ग पर गड्ढों के बीच से सड़क प्रदेश में डबल इंजन के दांवों को मुंह चिढ़ाती नजर आ रही है।

यहां सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क ढूंढने की नौबत है। ऐसे में चार पहिया व बड़े वाहनों के साथ ही दोपहिया वाहनों का चलना भी मुश्किल हो रहा है, और दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है। यह स्थिति तब है जबकि मुख्यमंत्री सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिये कड़े निर्देश दे चुके हैं। दूसरी ओर सड़क को दोहरा करने का प्रस्ताव हवा हो गया है। अब काठगोदाम से नैनीताल की जगह केवल काठगोदाम से ज्योलीकोट तक सड़क को दोहरा करने की बात कही जा रही है, और इसका प्रस्ताव भी अभी कागजों में बनने की प्रारंभिक स्थिति में है। वहीं सड़क की दुर्दशा की बात करें तो अभी इस सड़क का काठगोदाम से ज्योलीकोट का यानी आधा हिस्सा पूर्व में इसकी मरम्मत करने वाले ठेकेदार के अनुबंध के अधीन है, यानी पुराने ठेकेदार को ही आधी सड़क की मरम्मत करनी है।

बरसात के मौसम में विभाग राजमार्ग के इस हिस्से के गड्ढों को मिट्टी से ढकने की कोशिश कर रहा है। जिस कारण खासकर रानीबाग में बरसात में कीचड़ नयी समस्या खड़ी कर रहा है। इन स्थितियों में लोग हल्द्वानी जाने के लिये इस मार्ग की जगह कालाढुंगी के 25 किलोमीट अधिक लंबे मार्ग का प्रयोग करने को मजबूर हो रहे हैं।

उत्तराखंड में विकास के नाम पर डबल इंजन लगे होने की बातें कही जाती हैं, लेकिन डबल इंजन का धरातल पर असर देखना हो तो हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग की दशा सरकार के दावे को आईना दिखा रही है। इस मार्ग पर हनुमानगढ़ी से रूसी बाईपास के बीच पिछले वर्ष सीवर लाइन डालने के बाद तोड़ी गयी और बाद में बिना ठीक से दबाये बनायी गयी एक ओर की सड़क लगभग पूरी धंसकर खराब हो गयी है। वहीं इससे आगे बल्दियाखान, नैना गांव, बेलुवाखान होते हुए ज्योलीकोट में पुरानी पुलिस चौकी तक सड़क की स्थिति बेहद जर्जर है।

इसके बाद ज्योलीकोट से आगे नलेना मोड़ से सड़क पुनः गड्ढा युक्त है। यहां आम पड़ाव से पहले सड़क का एक हिस्सा धंसा हुआ है। जबकि दोगांव से पहले और बाद में भेड़िया पखांण, शराब भट्टी व डोलमार तथा आगे रानीबाग और गुलाबघाटी में भी सड़क की स्थिति इतनी बुरी है, जिसका शायद ही किसी अन्य राजमार्ग की स्थिति से तुलना की जा सकती हो।

इन स्थितियों पर लोक निर्माण विभाग के राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता आशुतोष कुमार ने बताया कि काठगोदाम से ज्योलीकोट तक सड़क की मरम्मत का कार्य पुराने ठेकेदार को अनुबंध के तहत करना है। उसे इस हेतु कहा गया है। फिलहाल बरसात को देखते हुए गड्ढों में मिट्टी भरी जा रही है। वहीं नैनीताल से ज्योलीकोट के बीच ‘शॉर्ट टर्म मेन्टीनेंस’ यानी कम अवधि के लगभग 5 करोड़ रुपये के अनुरक्षण कार्य की तकनीकी निविदा खोली गयी और लगभग एक सप्ताह में इसकी वित्तीय निविदा खोलने की कोशिश है। उन्होंने नैनीताल-हल्द्वानी रोड राजमार्ग को दोहरा यानी 2 लेन करने के प्रस्ताव पर बताया कि भूवैज्ञानिकों की रिपोर्ट में ज्योलीकोट से आगे समस्या बताये जाने के बाद अब केवल काठगोदाम से ज्योलीकोट तक के मार्ग के चौड़ीकरण का संशोधित प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद वन भूमि के हस्तांरण, पेड़ों के छपान, कटान सहित अन्य ऑपचारिकताएं की जाएंगी। गौरतलब है कि पूर्व में नैनीताल-हल्द्वानी राजमार्ग के अनुरक्षण कार्यों में ढिलाई का कारण इसे दोहरा किये जाने के प्रस्ताव को बताया जा रहा है, जबकि अधिशासी अभियंता के इस वक्तव्य से साफ है कि पूरी नहीं, बल्कि आधे मार्ग के दोहरीकरण का प्रस्ताव भी अभी हवा में है।

(Udaipur Kiran) / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

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