
कोलकाता, 12 सितम्बर (Udaipur Kiran) ।
पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में सीबीआई ने साफ कर दिया है कि पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को ही सभी मामलों का मुख्य दोषी माना जाएगा। जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, अदालत में ट्रायल प्रक्रिया के दौरान सीबीआई अपने इस रुख पर कायम रहेगी।
विशेष सीबीआई अदालत में पहले ही कुछ मामलों में आरोप तय हो चुके हैं, जिनमें पार्थ चटर्जी सहित 21 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। शुक्रवार को कुछ अन्य मामलों में भी आरोप तय करने की प्रक्रिया पूरी हुई है।
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट और पूरक चार्जशीट में पार्थ चटर्जी को पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। जांच के अनुसार, यह घोटाला छह व्यापक श्रेणियों में हुआ था—सेकेंडरी, हायर सेकेंडरी और अपर प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति, प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति, तथा ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणी के गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती।
सीबीआई का कहना है कि जहां अन्य अभियुक्त सिर्फ एक या दो श्रेणियों की अनियमितताओं में शामिल थे, वहीं पार्थ चटर्जी की भूमिका सभी छह श्रेणियों में पाई गई। यही कारण है कि उन्हें पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड करार दिया गया।
ईडी ने भी अपनी जांच और चार्जशीट में पार्थ चटर्जी को मुख्य साज़िशकर्ता बताया है। वह जुलाई 2022 में ईडी द्वारा उनके आवास से गिरफ्तार किए गए थे और उसके बाद सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार दिखाया।
हाल ही में अलग-अलग मामलों में अदालत से उन्हें जमानत मिल चुकी है, लेकिन प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ी अनियमितताओं वाले मामलों के कारण वह अब भी जेल से बाहर नहीं आ पाए हैं।
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
