Jammu & Kashmir

जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में बढ़ाई गई सुरक्षा, चौथे दिन भी निषेधाज्ञा लागू

जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में बढ़ाई गई सुरक्षा, चौथे दिन भी निषेधाज्ञा लागू

डोडा, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के डोडा ज़िले में शुक्रवार को सुरक्षा बढ़ा दी गई है जबकि अधिकारियों द्वारा लगातार चौथे दिन निषेधाज्ञा लागू करने के बाद पहाड़ी क्षेत्र में असहज शांति बनी हुई है।

इस हफ़्ते की शुरुआत में आम आदमी पार्टी के विधायक मेहराज मलिक की कड़े जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पों के बाद डोडा में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। डोडा विधायक जिन्हें सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया थाद और बाद में कठुआ जेल में बंद कर दिया गया।

बुधवार शाम को पुलिस ने क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में तेज़ी लाने के लिए पुलिस उप महानिरीक्षक श्रीधर पाटिल की अध्यक्षता में एक शांति समिति की बैठक की।

डोडा और भलेसा कस्बों में निषेधाज्ञा लागू रही जहाँ एहतियात के तौर पर मोबाइल इंटरनेट और वाई-फ़ाई सेवाएँ निलंबित रहीं।

एक अधिकारी ने कहा कि रात भर स्थिति शांत रही और कोई नया विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। हालाँकि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और व्यापक सुरक्षा उपाय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जुमे की नमाज़ के मद्देनज़र डोडा शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और गश्त बढ़ा दी गई है।

प्रशासनिक मनमानी को लेकर भारी तनाव के बीच डोडा शहर, भद्रवाह, गंदोह और थाथरी में सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत कर दी गई है। अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी कार्यालयों के पास कंसर्टिना तार लगाए गए हैं।

पुलिस की गाड़ियों ने इलाके में गश्त की और लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील करते हुए घोषणाएँ कीं। भद्रवाह शहर में शुक्रवार को दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे और स्थिति सामान्य रही।

डीआईजी श्रीधर पाटिल ने लोगों को आश्वस्त किया कि स्थिति लगभग नियंत्रण में है। डीआईजी ने गुरुवार रात संवाददाताओं से कहा कि हम चिनाब घाटी के लोगों को बताना चाहते हैं कि स्थिति कुल मिलाकर नियंत्रण में है। पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं। हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि डोडा शहर और आसपास के इलाकों के लगभग 40 नागरिकों ने बैठक में चर्चा में भाग लिया और इस दौरान उन्होंने बहुमूल्य सुझाव साझा किए। उन्होंने कहा कि मैं शांति सुनिश्चित करने में सहयोग के लिए डोडा के लोगों का धन्यवाद करना चाहता हूँ। हमने घटना के दौरान 60-70 लोगों को हिरासत में लिया था। उनमें से कई को मुचलके पर रिहा कर दिया गया है। कोई हताहत नहीं हुआ है।

सोमवार और बुधवार को ज़िले में विरोध प्रदर्शन और हिंसक झड़पें हुईं जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की कोशिश की जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को कई जगहों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया जबकि कुछ को बाद में रिहा कर दिया गया।

झड़पों के दौरान एक पुलिस उपाधीक्षक और एक थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। मुख्य शिक्षा अधिकारी ने आदेश दिया है कि ज़िले के सभी स्कूल रविवार तक बंद रहेंगे। व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे।

मलिक को सरकार का आलोचक बताते हुए ज़िला प्रशासन ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर भड़काऊ भाषणों और अपमानजनक भाषा के आधार पर की गई थी जिसका कथित तौर पर शांति भंग करने का इरादा था।

अपने बेटे की नज़रबंदी के बाद कमज़ोरी और तनाव से बेहोश होकर कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती हुए शमास उदीन ने अपने बेटे द्वारा इस्तेमाल की गई भाषा के लिए माफ़ी मांगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से उसकी रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में किसी मौजूदा विधायक को इस कड़े कानून के तहत हिरासत में लिया गया है। यह कानून कुछ मामलों में बिना आरोप या मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह

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