
गौतमबुद्ध नगर, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । उत्तर प्रदेश की स्पेशल टाॅस्क फाेर्स (एसटीएफ) की नोएडा यूनिट ने मंगलवार देर रात गाजियाबाद के विजयनगर से साइबर अपराधियों को म्यूल अकाउंट उपलब्ध करवाने वाले और बड़े नोट के बदले छोटे नोट देने का वादा कर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गैंग के छह अपराधियाें काे गिरफ्तार किया है। उनके पास से पुलिस ने 25.6 लाख की नकदी, नोट गिनने की मशीन, कूट रचित आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज आदि बरामद किया है।
बिहार का गैंग सक्रिय
यूपी एसटीएफ के एसपी (नोएडा यूनिट) राजकुमार मिश्रा ने शुक्रवार काे बताया कि एक सूचना के आधार पर एसटीएफ ने गाजियाबाद के विजयनगर में छापेमारी की। यहां से गैंग का सरगना बिहार राज्य के सारण निवासी शुभम राज, पटना निवासी प्रदीप कुमार, धीरज मिश्रा, साेनू कुमार, अमरजीत कुमार और यूपी के बुलंदशहर जनपद निवासी अनुराग काे गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि इस घटना में शामिल बिहार का इंद्रमणि, चंचल कुमार, मृत्युंजय कुमार और अंकित कुमार फरार है।
बिहार के बैंक कर्मचारी भी शामिल
पकड़े गए अभियुक्त साइबर अपराध करने वाले बदमाशों को म्यूल अकाउंट कमीशन पर उपलब्ध करवाते हैं। इनके पास से 100 से अधिक अकाउंट की डिटेल मिली है। उन खातों में साइबर फ्रॉड की रकम ट्रांसफर हुई है। म्यूल अकाउंट उपलब्ध करवाने में बिहार के बंधन बैंक और एचडीएफसी बैंक के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत भी सामने आई है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
नकली गड्डी में ऊपर और नीचे लगाते असली नाेट
एसपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान इस गैंग के लोगों ने बताया कि ये लोग बड़े नोट के बदले छोटे अमाउंट का नोट देने का लालच देकर भी लोगों से ठगी करते हैं। ये लोग कागज की गड्डी पर ऊपर और नीचे असली नोट लगाकर उसे असली नोट की गड्डी की तरह बनाते थे। बड़े नोट के एवज में छोटे नोट लेने वाले लोगों को धोखाधड़ी कर नकली गड्डी पकड़ा देते थे। इनके पास से पुलिस ने 25.6 लाख नकद, नोट गिनने की मशीन, कूटरचित दस्तावेज, आदि बरामद किया है। उन्होंने बताया कि इस गैंग में शामिल कुछ अन्य लोगों के बारे में एसटीएफ को जानकारी मिली है। उनकी तलाश में एसटीएफ छापेमारी कर रही है।
ये हाेता है म्यूल खाता
उन्होंने बताया कि म्यूल वह बैंक खाता होता है, जिसे अपराधी अवैध धन प्राप्त करने, स्थानांतरित करने और उसे वैध बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। अक्सर खाताधारक की जानकारी के बिना यह उससे धोखे से शामिल करके जो व्यक्ति इस तरह के खाते का उपयोग करता है। उसे मनी म्यूल कहा जाता है। उन्हें पैसे कमाने के बदले में इस खाते के माध्यम से धन हस्तांतरित करने का निर्देश दिया जाता है जिससे वे अनजाने या जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग में भागीदार बन जाते हैं।
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(Udaipur Kiran) / सुरेश चौधरी
