
नई दिल्ली, 12 सितंबर (Udaipur Kiran) । चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (सीपी राधाकृष्णन) देश के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।उप राष्ट्रपति के पद तक पहुंचने की सीपी राधाकृष्णन की यात्रा सार्वजनिक जीवन की प्रेरक यात्राओं में एक है।जिसमें छात्र आंदोलन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव, 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा जैसे अहम पड़ाव दिखते हैं, इससे उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की झलक सहज ही मिलती है।
जन्म20 अक्टूबर, 1957 को तमिलनाडु के तिरप्पूर में राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। ओबीसी समुदाय कोंगु वेल्लार (गाउंडर) से आने वाले राधाकृष्णन ने अपनी शिक्षा वीओ चिदंबरम कॉलेज से पूरी की और यहां से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की। उनकी खेलों में भी गहरी रूचि है। वे कॉलेज स्तर के टेनिस चैंपियन रहे हैं। इसके अतिरिक्त क्रिकेट और दौड़ में भी रूचि रखते हैं।
आरएसएस से जुड़ाव
सीपी राधाकृष्णन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सेे बहुत कम उम्र में जुड़ गए। 16 साल की उम्र में 1973 से 48 साल तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से सीधे जुड़े रहे हैं। वह 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
राजनीति में प्रवेश
संघ के रास्ते सक्रिय राजनीति में आए सीपी राधाकृष्णन ने भाजपा में संगठन का कार्य लंबे समय तक काम किया। साल 1996 में उन्हें तमिलनाडु में भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद वे कोयंबटूर से साल 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा के लिए चुने गए। हालांकि साल 2004, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार कोयंबटूर लोकसभा सीट से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
19000 किमी लंबी रथयात्रा
2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। इस दौरान 2007 में नदियों को जोड़ने, आतंकवाद के उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों के खतरों से निपटना के मुद्दे पर 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर लंबी रथ यात्रा की। साल 2020 से 2022 तक वे केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे। दक्षिण भारत में उन्होंने भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राज्यपाल के रूप में दी सेवाएं
उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने से पहले वे महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। वे पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाए गए थे। इससे पहले, फरवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। झारखंड के राज्यपाल रहते उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उप राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाला। साल 2016 से 2019 तक वे लघु, कुटीर एवं मध्यम उपक्रम मंत्रालय (एमएसएमई) के अधीन आने वाले अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
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(Udaipur Kiran) पाश
