Madhya Pradesh

उज्जैनः नकली नोट बनाने वाले गिरोह का खुलासा, रिटायर्ड कमिश्नर के बेटे समेत 5 गिरफ्तार

नकली नोट बनाने वाले गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार

उज्जैन, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने गुरुवार को नकली नोट बनाने और चलाने वाले गिरोह का खुलासा है। पुलिस ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके पास 5 लाख 20 हजार रुपये के नकली नोट जब्त किए हैं। आरोपितों के पास से नोट छापने का सामान भी बरामद हुआ है। पकड़े गए आरोपितों में एक ट्रेवल एंड वेलफेयर डिपार्टमेंट के रिटायर्ड कमिश्नर का बेटा भी शामिल है।

उज्जैन के पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि एक सितंबर को अमरदीप नगर स्थित इलेक्ट्रॉनिक्स दुकान संचालक होरीलाल प्रजापति को एक ग्राहक दुर्गेश ने वॉशिंग मशीन और मोबाइल खरीदने के लिए 23 हजार रुपये के नकली नोट दिए थे। दुकानदार को 100 और 200 रुपये के नोट संदिग्ध लगे। इसके बाद उसने पुलिस को इस बारे में बताया। पूछताछ में दुर्गेश ने खुलासा किया कि उसके दोस्त शुभम कड़ोदिया ने उसे प्रहलाद और कमलेश से संपर्क करवाया था। ये दोनों ढांचा भवन में रहते हैं और 30 प्रतिशत कमीशन पर नकली नोट देते थे। दुर्गेश, शुभम और शेखर ने दो महीने पहले 90 हजार रुपये देकर तीन लाख के नकली नोट खरीदे थे। तीनों ने एक-एक लाख रुपये के नकली नोट आपस में बांट लिए थे।

पुलिस ने आरोपितों के पास से सीपीयू, कलर प्रिंटर, पेपर, स्केल, केमिकल और मोबाइल फोन जब्त किए हैं। मामले में पुलिस ने दुर्गेश के साथियों शुभम और शेखर को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने माधवनगर थाने में बीएनएस एक्ट की धारा 178, 179, 180 के तहत मामला दर्ज किया है। शेखर आर्किटेक्ट है और ट्रेवल एंड वेलफेयर डिपार्टमेंट के रिटायर्ड कमिश्नर महेश यादव का बेटा है।

पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि पुलिस ने नकली नोट तैयार करने वाले आरोपी कमलेश के ढांचा भवन स्थिति गोडाउन पर दबिश देने पर कमलेश और प्रहलाद यहीं मिले। पूछताछ करने पर आरोपित कमलेश व प्रहलाद ने बताया गया कि वह दोनों एनडीपीएस के प्रकरण में भेरूगढ़ जेल बंद थे, जहां उनकी मुलाकात सुनील पुत्र बाबूराव पाटिल से हुई थी। वह नकली नोट के प्रकरण में पूर्व से जेल में सजा काट रहा था। सुनील ने उन्हें बताया था कि वह नकली नोट बनाता है। जब भी जेल से बाहर आएगा वह नकली नोट बना कर कमलेश और प्रहलाद को देगा जो बाजार में नकली नोट खपाने का काम करेंगे। इससे तीनों को अच्छा मुनाफा होगा। जेल से छुटने के बाद सुनील ने उन्हें नकली नोट बनाना सिखाया। नोट छापने के बाद कमलेश ने दुर्गेश,शुभम और शेखर को 30 प्रतिशत के हिसाब से 1-1 लाख रुपये दिए।

(Udaipur Kiran) तोमर

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