
रांची, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के राज्य कुष्ठ कार्यालय सभागार, नामकुम में गुरुवार को निकुष्ठ-2 पोर्टल पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (एनएलईपी) के तहत किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से स्वास्थ्य कर्मी और प्रतिनिधि शामिल हुए।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राज्य कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2027 तक कुष्ठ रोग को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया है। इस दिशा में सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनभागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि निकुष्ठ-2 पोर्टल डिजिटल उपकरण के रूप में स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करेगा और कुष्ठ रोगियों को सम्मानजनक और प्रभावी इलाज सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में देशभर से एकत्रित डेटा की गुणवत्ता को देखते हुए अब कुष्ठ की दवा मल्टी-ड्रग थेरेपी (एमडीटी) के प्रबंधन का कार्य भी निकुष्ठ-2 पोर्टल के माध्यम से शुरू किया जा रहा है। झारखंड को इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है और राज्य के सभी जिलों से एक-एक प्रतिनिधि को इसके लिए नामित किया जाएगा।
प्रशिक्षण में भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कुष्ठ प्रभाग की परामर्शी डॉ करूणा निधि कौर और डॉ श्वेता राणा ने पोर्टल के उपयोग, डेटा एंट्री, मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर बीएफओ-कम-एडमिन ऑफिसर रंजीत पाठक, डब्ल्यूएचओ के अभिषेक पॉल सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
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(Udaipur Kiran) / Manoj Kumar
