
प्रयागराज, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने लगभग तीन साल से लापता अधिवक्ता को तलाश करने के लिए प्रयागराज की पुलिस को एक माह की और मोहलत दी है। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस की कार्यशैली पर नाखुशी भी जाहिर की है।
अधिवक्ता जयशंकर उपाध्याय (लापता) की ओर से उनके अधिवक्ता भाई अभयकांत उपाध्याय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर अपने भाई की तलाश कर पेश किए जाने की मांग की है। याचिका पर न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय एवं न्यायमूर्ति ज़फीर अहमद की खंडपीठ ने सुनवाई की।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी, अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम परितोष मालवीय व ऋषि चड्ढा ने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए एसीपी श्यामजीत के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई है। संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने मजिस्ट्रेट अदालत से नार्को टेस्ट की अनुमति मांगी थी लेकिन अनुमति नहीं मिली।
वहीं याची का कहना था कि पुलिस जांच के नाम पर वादी को ही परेशान कर रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को जांच की पूरी छूट है। वह जिसे उचित समझे, पूछताछ कर सकती है लेकिन किसी के साथ थर्ड डिग्री जैसा तरीका प्रयोग नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने जांच के लिए एक माह की मोहलत देते हुए कहा कि यदि इससे भी कोई नतीजा नहीं निकलता है तो कोई अन्य आदेश करने पर विचार किया जाएगा। धूमनगंज क्षेत्र के पोंगहट का पुल के रहने वाले अधिवक्ता जय शंकर की गुमशुदगी तीन सितम्बर 2022 को दर्ज कराई गई थी। बाद में पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू की, जो अब तक चल रही है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
