Uttar Pradesh

हॉस्टल शिफ्टिंग को लेकर छात्रों व बुवि प्रशासन में थम नहीं रही रार

छात्रों को ले जाते सुरक्षा कर्मचारी

छात्रों ने लगाया अपराधियों की तरह व्यवहार का आरोप तो बुवि प्रशासन ने दिया रैगिंग बचाने का तर्क

झांसी, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । भले ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त करते हुए तमाम उपलब्धियां हासिल कर चुका है। फिर भी विश्वविद्यालय के हॉस्टल आजकल जंग का मैदान बना हुआ है। बीते रोज छात्रों व सुरक्षा कर्मियों के साथ धक्का मुक्की के मामले के बाद आज फिर बखेड़ा खड़ा हो गया। छात्रों ने आरोप लगाया कि लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल की बिजली व पानी सप्लाई बंद कर कैंटीन में ताला डालते हुए छात्रों के साथ आरोपियों जैसा व्यवहार किया गया। छात्रों के आक्रोश पर बीयू प्रशासन ने गुरुवार को कार्रवाई कर छात्रों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया। जब इसका वीडियो वायरल होने पर सवाल खड़े हो गए तो बीयू प्रशासन बैक फुट पर आया और सफाई में लम्बी चौड़ी विज्ञप्ति जारी कर दोष छात्रों पर ही मढ़ दिया।

दरअसल बीयू परिसर में समता, लॉर्ड बुद्धा और ओबीसी छात्र हास्टल हैं। इनमें क्रमशः 100, 140 व 30 बेड है। प्रवेश के आवेदन शुरू होते समय बीयू प्रशासन ने हॉस्टल में रह रहे सीनियर छात्रों को बाहर कर केवल नवप्रवेशित छात्रों को ही हॉस्टल में रखा जाने का फैसला लिया गया। इसका सीनियर छात्रों ने कड़ा विरोध किया और तर्क दिया कि जिस समय प्रवेश लिया गया था, उस समय ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई थी। बीच में हॉस्टल खाली कराना नियम विरुद्ध है।

इसके बाद तय किया सीनियर छात्र समता हॉस्टल में रहेंगे और नवप्रवेशित लॉर्ड बुद्धा और ओबीसी हॉस्टल में रहेंगे। इस पर छात्र राजी हो गए तो बीयू प्रशासन ने सभी सीनियर छात्रों को समता हॉस्टल में शिफ्ट कर दिया, जिसमें बेड कम पड़ गए। यही नहीं, लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल की बिजली व पानी सप्लाई बंद कर दी और कैंटीन में ताला डाल दिया। इससे छात्र भड़क गए और विरोध करने लगे। इसके बाद बीयू प्रशासन की रणनीति के तहत गुरुवार को पहले कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय और कुलसचिव राजबहादुर छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। छात्रों ने समस्या गिनाईं तो वह मौके से चले गए। इसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड के शिक्षकों ने सुरक्षा कर्मियों के साथ हॉस्टल में घुसकर छात्रों से अभद्रता की। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को पीटा। प्रॉक्टोरियर बोर्ड के शिक्षकों के आदेश पर छात्रों को पकड़े तक नहीं पहनने दिए और केवल अंडरवियर में ही खींचकर बाहर ले गए।

घटनाक्रम के कई वीडियो भी सामने आए। बीयू प्रशासन के इस रवैया से छात्रों में आक्रोश भड़क उठा और बीयू की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए। बीयू की ओर से मीडिया को लम्बी चौड़ी विज्ञप्ति जारी कर सफाई देते हुए अपना पक्ष रखा है। इसके बाद भी छात्रों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। छात्रों से किए गये दुर्व्यवहार की आलोचना की जा रही है।

बुवि प्रशासन का है कहना

विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि लॉर्ड बुद्धा हॉस्टल नवप्रवेशित छात्रों के लिए खाली कराया जा रहा है। ताकि रैगिंग जैसी समस्याओं से बचा जा सके। विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि कई बार रैगिंग से पीड़ित छात्र अवसादग्रस्त हो जाते हैं और कभी-कभी आत्महत्या तक करने पर मजबूर हो जाते हैं। फिलहाल यह सब बताने का लाभ समझ से परे है।

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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया

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