
धमतरी, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) ।ग्राम पंचायत अछोटा में शासकीय भूमि आबंटन से जुड़ी अनियमितताओं के मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। कलेक्टर जनदर्शन में प्राप्त शिकायतों तथा नायब तहसीलदार न्यायालय की जांच प्रतिवेदन के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने सचिव राजेश्वरी भीमगज को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। एक सप्ताह में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटाकर जनपद पंचायत धमतरी में संलग्न कर दिया गया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम पंचायत अछोटा का अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत सारंगपुरी के सचिव जीवनलाल साहू को तथा ग्राम पंचायत बरारी का अतिरिक्त प्रभार ग्राम पंचायत बेन्द्रानवागांव के सचिव जन्नूराम दीवान को सौंपा गया है। इस संबंध में आदेश आज जारी कर दिए गए हैं। जांच प्रतिवेदन में पाया गया है कि ग्राम अछोटा की भूमि खसरा नंबर 488/1 एवं 488/2, जिसे शासन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय आवास के लिए आरक्षित किया गया था, इसका गलत उपयोग करते हुए तत्कालीन सरपंच, उपसरपंच तथा सचिव के संलिप्त होने की बात सामने आई।
जांच में खुलासा हुआ कि ग्रामसभा की विधिवत अनुमति लिए बिना बाहरी व्यक्तियों को भूमि आबंटन किया गया और इसके एवज में हितग्राहियों से अवैध रूप से 25,000 रुपये तक की राशि वसूली करने का आरोप है।जांच अधिकारी ने पाया कि पंचायत बैठक एवं प्रस्ताव पंजी में गंभीर अनियमितताएं की गईं। प्रस्तावों पर सभी पंचों के हस्ताक्षर नहीं थे, कई बार स्थगित ग्रामसभाओं में भी प्रस्ताव पारित दिखाए गए, जो विधि विरुद्ध पाए गए। इसके अलावा प्राप्त राशि का कोई शासकीय अभिलेख पंचायत स्तर पर उपलब्ध नहीं कराया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि शासन द्वारा आवासहीन गरीबों के लिए आरक्षित भूमि का इस प्रकार दुरुपयोग और अवैधानिक वसूली अत्यंत गंभीर मामला है। संबंधित अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता की जांच जारी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
