
श्रीनगर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । सितंबररू जल शक्ति, वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण मंत्री जावेद अहमद राणा ने वन विभाग के उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की हरित संपदा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
श्रीनगर के टैगोर हॉल में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस 2025 समारोह की मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने क्षेत्र के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में वन कर्मियों की अटूट प्रतिबद्धता और सर्वोच्च बलिदान को स्वीकार किया। यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर वन विभाग द्वारा राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के उपलक्ष्य में और वन अधिकारियों एवं अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के साहस और समर्पण को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था, जिन्होंने वनों और वन्यजीवों की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। इस अवसर पर बोलते हुए मंत्री राणा ने कहा कि इन शहीदों का बलिदान भावी पीढ़ियों के लिए हमारी प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने के प्रति उनके समर्पण का प्रमाण है। हमारे बहादुर वन कर्मियों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। प्राकृतिक संसाधनों के महत्व पर जोर देते हुए मंत्री ने कहा कि मानव जाति का अस्तित्व वनों और जल पर निर्भर करता है। दुनिया इनके बिना टिक नहीं सकती। प्रमुख पहलों की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा कि वन विभाग के खोए हुए गौरव को बहाल करने के लिए एक नया रोडमैप तैयार किया जा रहा है, जिसमें शहीदों की स्मृति में एक इकोटूरिज्म पार्क और अन्य बुनियादी ढाँचे विकसित करने की योजना है। उन्होंने कर्मचारियों के लिए समूह बीमा सुविधाएँ शुरू करने की भी घोषणा की। वहीं स्मृति समारोह के एक भाग के रूप में मंत्री ने शहीदों के परिजनों को उनके बलिदान के लिए सम्मानित किया। इससे पहले श्रीनगर के शंकराचार्य हिल स्थित वन शहीद स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया, जहाँ शहीदों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस समारोह में शीतल नंदा आयुक्त सचिव वन पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण विभाग, सुरेश कुमार गुप्ता पीसीसीएफ और वन बल प्रमुख, जम्मू-कश्मीर वन विकास निगम के एमडी, सीसीएफ, कंजरवेटर, डीएफओ, रेंज अधिकारी, वनपाल, वन रक्षक, विभिन्न वन संगठनों के प्रतिनिधि, शहीदों के परिवार, पर्यावरण कार्यकर्ता, सरकारी अधिकारी और मीडिया के सदस्य उपस्थित रहे।
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(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया
