Assam

आदिसू ने चार सूत्री मांगों को लेकर 7 दिनों का दिया अल्टीमेटम

इटानगर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । अरुणाचल प्रदेश के आदि छात्र संघ (आदिसू) ने अपनी चार सूत्री मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इन मांगों में परियोजना से प्रभावित सभी 31 गांवों से परामर्श किए बिना पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) के लिए कोई भी गतिविधि शुरू न करना, बोमकाकिर मिशन स्कूल से अर्धसैनिक बलों को तुरंत हटाना आदि शामिल है।

आज यहां अरुणाचल प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, आदिसू के अध्यक्ष कालेन ताडेंग ने बताया कि अपनी चार सूत्री मांगों के संबंध में हमने 25 अगस्त को मुख्यमंत्री पेमा खांडू को अपना ज्ञापन सौंपा था, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

उन्होंने कहा कि सियांग और ऊपरी सियांग जिले से अर्धसैनिक बलों को तत्काल हटाने, विशेष रूप से बोमकाकिर मिशन स्कूल बोलेंग के गर्ल्स हॉस्टल से। छात्रों ने आरोप लगाया कि छात्र, विशेष रूप से लड़कियां, असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

सियांग जिले में सरकारी भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि बोलेंग-पंगिन क्षेत्र के सरकारी स्कूलों की भूमि पर स्थानीय लोगों ने बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया है और हमने इस संबंध में डीडीएसई और जिला प्रशासन को लिखा है लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

आदिसू शीर्ष छात्र संगठन है, जो पूरे आदि समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन को डीसी द्वारा सियांग जिले के आठ गांव बुरा (जीबी) को जारी निलंबन आदेश को रद्द करने के लिए पर्याप्त समय दिया है। आदिसू ने कहा कि डीसी के आदेश के अनुसार, गांवबूढ़ा (जीबी) को सियांग अपर बहुउद्देशीय परियोजना (एसयूएमपी) के निर्माण के खिलाफ अपनी राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए, जिससे अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) का हनन होता है।

ताडेंग ने कहा, आदिवासियों को निलंबित करना एक गंभीर चिंता का विषय है और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या है।

आदिसू ने चेतावनी दी कि आदिवासी बहुल आदिवासी इलाकों में पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट (पीएफआर) के लिए कोई भी गतिविधि परियोजना में शामिल होने वाले 31 गांवों से परामर्श किए बिना शुरू नहीं की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार अगर निर्धारित समय सीमा के भीतर मांगों को पूरा नहीं करती है तो हमारे सामने कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा। संगठन राज्य के सभी आदिवासी बहुल इलाकों में कठोर लोकतांत्रिक आंदोलन शुरू करेगा।

(Udaipur Kiran) / तागू निन्गी

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