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कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत फास्ट ट्रैक विलय के दायरे का विस्तार किया

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के लोगो का प्रतीकात्‍मक चित्र

नई दिल्‍ली, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । भारत के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत त्वरित विलय के दायरे का विस्तार किया है, जिससे चुनिंदा कॉर्पोरेट संयोजनों के लिए अनुपालन में उल्लेखनीय रूप से आसानी हुई है। इस कदम का उद्देश्य कॉर्पोरेट पुनर्गठन में तेजी लाना, न्यायिक अड़चनों को दूर करना और विदेशी एवं घरेलू निवेशकों के लिए अधिक विश्वसनीय वातावरण तैयार करना है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा क‍ि एमसीए ने 4 सितंबर, 2025 को सीएए नियमों में संशोधन किया है। कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 233(1) (i) दो या दो से अधिक छोटी कंपनियों और (ii) होल्डिंग कंपनी और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के बीच विलय/विभाजन की अनुमति देती है। धारा 233 केंद्र सरकार (एमसीए) को नियमों के जरिए ऐसी अतिरिक्त श्रेणियों की कंपनियों को निर्धारित करने का अधिकार देती है जो ऐसी फास्ट ट्रैक प्रक्रिया का लाभ उठा सकती हैं।

मंत्रालय के मुताबिक ये निर्णय बजट भाषण 2025-2026 के पैरा 101 के अनुसरण में ऐसे विलयों के दायरे को और बढ़ाने के संदर्भ में लिया गया है। संबंधित संशोधन अधिसूचना (राजपत्र अधिसूचना संख्या जी.एस.आर. 603 (ई) दिनांक 04 अगस्‍त, 2025 कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय की वेबसाइट www.mca.gov.in पर उपलब्ध है। इसकी जानकारी के लिए लिंक: https://www.mca.gov.in/bin/ebook/dms/getdocument?doc=NTYzMDg2MjY0&docCategory=Notifications&type=open पर संपर्क कर सकते हैं।

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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर

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