Madhya Pradesh

मंदसौरः मुख्यमंत्री के भ्रमण कार्यक्रम को लेकर कलेक्टर, एसपी ने किया गांधीसागर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण

मुख्यमंत्री  के भ्रमण कार्यक्रम को लेकर कलेक्टर, एसपी ने किया गांधीसागर कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण

मंदसौर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शुक्रवार, 12 सितंबर को गांधी सागर में फॉरेस्ट रिट्रीट कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। इसी क्रम में कलेक्टर अदिती गर्ग एवं पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार मीना ने गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर एवं एसपी ने हेलीपैड स्थल, पार्किंग व्यवस्था, बैरिकेडिंग, मंच, आमसभा स्थल की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था का विस्तार से अवलोकन किया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करे। स्वच्छता एवं नगर निकाय विभाग कार्यक्रम स्थल पर साफ-सफाई एवं चलित शौचालय की व्यवस्था करे। पुलिस विभाग यातायात व्यवस्था, पार्किंग एवं सुरक्षा प्रबंधन को व्यवस्थित रूप से लागू करे। एसडीईआरएफ एवं गोताखोर दल को तैनात करने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान अपर कलेक्टर श्रीमती एकता जायसवाल, जिलाधिकारी सहित ब्लॉक स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट में मिलेगा रोमांचक अनुभव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 12 सितम्बर को गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के चौथे संस्करण का शुभारंभ करेंगे। यह रिट्रीट लल्लूजी एंड संस द्वारा मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से विकसित किया गया है, जो लक्जरी कैंपिंग, एडवेंचर टूरिज्म और सांस्कृतिक गतिविधियों का अनूठा संगम है। गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट के दौरान पर्यटक टेंट सिटी में हॉट-एयर बलूनिंग, पैरामोटरिंग, जेट स्कीइंग, कायाकिंग और मोटर बोटिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे। साथ ही, हिंगलाजगढ़ किले की हेरिटेज ट्रेल, गांधीसागर अभयारण्य में वन्यजीव सफारी और ग्रामीण जीवन के अनुभव भी पर्यटकों के आकर्षण का हिस्सा रहेंगे।

इस रिट्रीट में पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता पर विशेष ध्यान दिया गया है। लगभग 2,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में विकसित बटरफ्लाई गार्डन में 4,000 से अधिक पोषक एवं पराग प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। यहां पहले से ही 40 से अधिक तितली प्रजातियां दर्ज की जा चुकी हैं। यह केंद्र शिक्षा एवं इंटरप्रिटेशन स्थल के रूप में पर्यटकों को तितलियों के जीवन चक्र की जानकारी प्रदान करेगा।

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(Udaipur Kiran) / अशोक झलोया

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