HimachalPradesh

हिमाचल में लगातार तीन दिन भारी बारिश का येलो अलर्ट, भूस्खलन से 577 सड़कें बंद

शिमला में धुंध

शिमला, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले तीन दिन लगातार भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। पूर्वानुमान के अनुसार 12 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 13 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। वहीं 14 सितंबर को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश के चलते अलर्ट घोषित किया गया। 15 से 17 सितंबर तक भी प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के आसार बने रहेंगे, लेकिन इन दिनों के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। राजधानी शिमला में आज सुबह के समय हल्की वर्षा हुई। इसके बाद दिनभर घनी धुंध छाई रही।

बीते 24 घंटे में मंडी जिले के बलद्वारा में सर्वाधिक 70 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि मुरारी देवी में 63 मिमी, हमीरपुर के भरेड़ी में 62 मिमी, बिलासपुर के सलापड़ में 54 मिमी और नैना देवी में 42 मिमी बारिश हुई। राजधानी शिमला में सुबह हल्की वर्षा हुई और दिनभर घनी धुंध छाई रही। इस बीच कुल्लू जिले के कराड़सु विहाल में नदी के बीच फंसे दो लोगों को पुलिस थाना सदर कुल्लू और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर सकुशल बाहर निकाला।

पिछले दिनों भारी वर्षा और भूस्खलन से राज्य में यातायात व्यवस्था अभी भी प्रभावित है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार गुरुवार शाम तक प्रदेश में तीन नेशनल हाइवे व कुल 577 सड़कें बंद रहीं। इनमें कुल्लू जिले में एनएच-03 और एनएच-305 व 204 सड़कें, मंडी में 141, शिमला में 72, कांगड़ा में 44, चंबा में 30 और ऊना में एनएच-503ए व 19 सड़कें अवरुद्ध हैं। भारी बारिश के चलते बिजली और पेयजल योजनाएं भी ठप हो चुकी हैं। प्रदेश में 598 बिजली ट्रांसफार्मर और 367 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 270 ट्रांसफार्मर कुल्लू, 138 मंडी और 125 सोलन में बंद पड़े हैं, जबकि पेयजल योजनाओं में कांगड़ा में 176, शिमला में 102 और मंडी में 51 प्रभावित हुई हैं।

इस मानसून सीजन ने प्रदेश को भारी तबाही दी है। अब तक 380 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं, जबकि 447 लोग घायल हुए हैं। जिला स्तर पर सर्वाधिक 61 मौतें मंडी जिले में दर्ज की गई हैं। इसके अलावा मकानों, दुकानों और गौशालाओं को भी व्यापक नुकसान हुआ है। प्रदेश में अब तक 1,280 मकान पूरी तरह ढह गए हैं और 5,469 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 480 दुकानें और 5,762 गौशालाएं भी नष्ट हो चुकी हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें 1,983 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत शामिल है।

प्रारंभिक आकलन के मुताबिक अबतक प्रदेश को 4,313 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हो चुका है। इस दौरान प्रदेश में 137 भूस्खलन, 97 फ्लैश फ्लड और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिन्होंने कई इलाकों में हालात और गंभीर बना दिए हैं। बारिश और भूस्खलन का यह सिलसिला अभी और जारी रहने का अनुमान है, जिससे प्रदेश की जनता को और सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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