

विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य पर समारोह का आयोजनहिसार, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार (गुजविप्रौवि) के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि धर्म, सम्प्रदाय और परम्पराएं चाहे कितनी भी भिन्न हों, सभी का लक्ष्य मानवता और सत्य की खोज है। आज जब दुनिया अनेक संकटों, धार्मिक विद्वेष और प्रतिस्पर्धा से जूझ रही है, ऐसे में हमें स्वामी विवेकानंद जी के विचार हमें समाधान का मार्ग दिखाते हैं।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार काे विश्वविद्यालय के गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान (जीजेएमआईआरएस) एवं विवेकानंद केन्द्र, हरियाणा के सौजन्य से विश्व बंधुत्व दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। 11 सितम्बर 1893 को स्वामी विवेकानंद जी द्वारा शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक संबोधन के सम्मान में आयोजित इस कार्यक्रम में गुजविप्रौवि के कुलसचिव डा. विजय कुमार, विवेकानंद केन्द्र हरियाणा के अध्यक्ष दशरथ चौहान, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी जगदीप भार्गव, शिक्षाविद् डा. अशोक बतरा, जीजेएमआईआरएस के अध्यक्ष प्रो. किशना राम बिश्नोई तथा विवेकानंद केंद्र, भिवानी के निदेशक लाल बहादुर शास्त्री भी मंच पर उपस्थित रहे।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का संदेश है कि शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार ही नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, करूणा का विकास और राष्ट्र व मानवता की निस्वार्थ सेवा भी है। गुजविप्रौवि स्वामी विवेकानंद जी के इस संदेश को अपनाते हुए विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मानते हैं कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज मेें भाईचारे, सहयोग और मानवता की भावना को बढ़ाना भी है। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद जी के शब्द ‘उठो, जागो और लक्ष्य की प्राप्ति तक मत रुको’ याद दिलाए तथा कहा कि यह वह मंत्र है, जो आपको साहस, करुणा और सेवाभाव से परिपूर्ण करेगा। मुख्य वक्ता डा. अशोक बत्रा ने अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़े अधिकतर रोचक व दुलर्भ पहलुओं से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक स्तर पर मजबूत बनना है, तो तकनीक में और तेजी से आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की तरह हमें प्रतिष्ठा और प्रसिद्धि से अहंकारी नहीं होना है, बल्कि देश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए निरंतर कार्य करना है। जगदीप भार्गव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का शिकागो का संबोधन वेदांत का सार था। कार्यक्रम के संयोजक डा. बिजेन्द्र पाल सैनी ने अपने स्वागत सम्बोधन में अतिथिगण का परिचय कराया। कार्यक्रम के सह-संयोजक डा. देवेन्द्र ने विवेकानंद केन्द्र हिसार की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
