श्रीनगर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) ।
चतुर्थ अतिरिक्त मुंसिफ (जेएमआईसी) श्रीनगर की अदालत ने चेक बाउंस मामले में बडगाम के इचगाम निवासी मोहम्मद मकबूल वानी को अधिनियम 1881 में परक्राम्य लिखत की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया है।
3 सितंबर 2025 को फैसला सुनाते हुए अदालत ने वानी को दोषी ठहराया क्योंकि उसने पाया कि वैध ऋण का निपटान करने के लिए उसने जो चेक जारी किया था वह अपर्याप्त धन के कारण बाउंस हो गया था। औपचारिक मांग नोटिस प्राप्त करने के बावजूद, वह अनिवार्य 15-दिन की अवधि के भीतर भुगतान करने में विफल रहे।
सूत्रों के अनुसार अदालत ने वानी को एक साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई और चेक की तारीख से वसूली तक 6% वार्षिक ब्याज के साथ 6.6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। फैसले में आगे कहा गया है कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषी को छह महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
आर विजयन बनाम बेबी और अन्य में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए (2011) अदालत ने निर्देश दिया कि सीआरपीसी की धारा 357(1) के तहत मुआवजे के रूप में जुर्माना राशि अर्जित ब्याज के साथ शिकायतकर्ता डॉ. गौहर अहमद भट को भुगतान किया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि वानी ने पहले ही 1.40 लाख का आंशिक भुगतान कर दिया था, जिसे जुर्माने की गणना करते समय समायोजित किया गया था।
(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता
