
जोधपुर, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । बहुचर्चित एएनएम भंवरी देवी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को 21 माह बीत जाने के बावजूद पेंशन व सेवा परिलाभ जारी नहीं किए जाने पर पीडि़त परिवार की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जोधपुर सीएमएचओ डॉ. सुरेन्द्र सिंह शेखावत, चिकित्सा सचिव गायत्री राठौड़, निदेशक (अराजपत्रित) चिकित्सा निदेशालय राकेश कुमार शर्मा, पेंशन विभाग, एलआईसी सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह याचिका मृतका भंवरी देवी के पुत्र साहिल पेमावत व उनकी दोनों बहनों की ओर से अधिवक्ता यशपाल खिलेरी के माध्यम से पेश की गई।
उल्लेखनीय है कि भंवरी देवी गत एक सितम्बर 2011 से लापता हुई थीं और बाद में सीबीआई जांच में यह तथ्य सामने आया कि उनकी हत्या कर शव को नष्ट कर दिया गया। प्रकरण में तत्कालीन मंत्री, विधायक सहित कई आरोपी गिरफ्तार हुए थे। सीबीआई ने आरोपपत्र पेश कर भंवरी देवी की हत्या होना सिद्ध माना। इस बीच चिकित्सा विभाग ने 2012 में आदेश जारी कर भंवरी देवी को मृत मानते हुए उनके पुत्र को अनुकंपा नियुक्ति भी दी, लेकिन पेंशन व सेवा परिलाभ मृत्य प्रमाण पत्र के अभाव का हवाला देते हुए रोक दिए। भंवरी देवी के वारिसानों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर पेंशन, बकाया सेवा परिलाभ व 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की मांग की।
सुनवाई के बाद 12 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकारते हुए चिकित्सा विभाग को आदेश दिया कि चार माह के भीतर समस्त परिलाभों की गणना कर भुगतान किया जाए। साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि मृतका के पति अमरचंद (जो इस प्रकरण में सह-आरोपी हैं) का हिस्सा तभी दिया जाए जब वे आपराधिक प्रकरण में बरी हों।
अदालत ने विभाग को यह छूट भी दी थी कि वह आवश्यक सूचना व सर्विस बुक ट्रायल कोर्ट से प्राप्त कर सकता है। करीब 21 माह बीत जाने के बाद भी आदेश की पालना नहीं होने पर याचिकाकर्ताओं ने अवमानना याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि विभाग मृत्युप्रमाण पत्र न होने का बहाना बना रहा है, जबकि स्वयं 2012 में मृत मानकर सेवा समाप्ति और अनुकंपा नियुक्ति के आदेश जारी किए जा चुके हैं। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
(Udaipur Kiran) / सतीश
