कोलकाता, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष द्वारा दायर मानहानि मामले में गुरुवार को बैंकशाल अदालत में सुनवाई हुई। हालांकि लगाए गए आराेप काे लेकर अभया के पिता कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके। उनके वकील फिरोज एडुलजी ने अदालत से संबंधित बयान की जानकारी के लिए पेनड्राइव की मांग की, जिससे कार्यवाही स्थगित हो गई। मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
कुणाल घोष ने इस स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, “अभियोग लगाने वाले अब सबूत देने से पीछे हट रहे हैं। यह तो स्पष्ट रूप से ‘ उनकी मंशा पर पानी फिरना’ है। सड़क पर बयान दिए जाते हैं, पत्रकारों को बुलाकर आरोप लगाए जाते हैं, लेकिन अदालत में आकर कहा जाता है कि पेनड्राइव दें ताकि पता चल सके क्या कहा गया था। यह सिर्फ समय नष्ट करने की कोशिश है।”
उन्होंने आगे कहा कि जिन आरोपों को साबित नहीं किया जा सकता, उन्हें सार्वजनिक रूप से कहने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा, “कोर्ट में सबूत नहीं पेश कर पाए, इसका मतलब आरोप झूठे थे। मैं इस मामले को कानून की अंतिम सीमा तक ले जाऊंगा।”
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 8 अगस्त की रात आरजी कर अस्पताल परिसर में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या का मामला सामने आया था। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया था। बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर जांच सीबीआई को सौंपी गई, लेकिन किसी नए आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया गया। सियालदह अदालत ने संजय राय को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, हालांकि उसने इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
इसी मामले में अभया के पिता ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार और सीबीआई की मिलीभगत से जांच प्रभावित हुई तथा कुणाल घोष ने सीजीओ कॉम्प्लेक्स जाकर मध्यस्थता की। इन ‘विवादित’ बयानों को लेकर ही घोष ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। ——————————
(Udaipur Kiran) / ओम पराशर
