जोधपुर, 11 सितम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) जोधपुर की टीम ने पिछले साल बाड़मेर में एक फैक्ट्री से मादक पदार्थ जब्त किया था। मौके से फैक्ट्री की चौकीदारी करने वालों को पकड़ा गया था। अब राजस्थान हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए चौकीदार कालू सिंह की जमानत मंजूर कर दी है। जस्टिस चंद्र शेखर शर्मा ने आदेश में कहा कि एफएसएल रिपोर्ट नेगेटिव आने और मुख्य आरोपियों के फरार होने की स्थिति में जमानत का लाभ दिया जाना उचित है।
उल्लेखनीय है कि डीआरआई ने मिथिडिय़ा तला, बाड़मेर निवासी कालू सिंह पुत्र सोन सिंह को एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी बनाया था। आरोपी को 11 सितंबर 2024 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह न्यायिक अभिरक्षा में ही था। अब जमानत मंजूर हुई है। वहीं मुख्य आरोपी मनोहर बिश्नोई और जगदीश बिश्नोई अभी फरार हैं। मामला 9 सितंबर 2024 का है। राजस्व आसूचना निदेशालय जोधपुर की टीम बाड़मेर में एक फैक्ट्री पर दबिश देने पहुंची थी। टीम को फैक्ट्री में ताला लगा मिला था। कुछ देर बाद एक व्यक्ति कालू सिंह राठौड़ वहां पहुंचा था। उसने टीम को बताया कि यह जगह (फैक्ट्री) अर्जुन सिंह की है और मनोहर बिश्नोई ने किराए पर ले रखा है। उसे केवल इस जगह की देखभाल करने के लिए नौकरी पर रखा गया है। परिसर की चाबी भी मनोहर बिश्नोई और उसके सहयोगी जगदीश बिश्नोई के पास रहना बताया था। इसके बाद टीम ने ताला तोडक़र मादक पदार्थ से संबंधित काफी सामग्री बरामद की थी।
एफएसएल रिपोर्ट में मादक पदार्थ की पुष्टि नहीं
मामले में जब्त सामान की जांच की गई। एफएसएल रिपोर्ट नेगेटिव आई। फैक्ट्री से जब्त पदार्थ की मादक पदार्थ होने पुष्टि नहीं हुई। कोर्ट ने इस तथ्य को महत्वपूर्ण माना कि देखरेख के लिए नौकरी पर रखे गए व्यक्ति को मादक पदार्थ या मादक पदार्थ बनाने के सामान के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आरोपी के वकील जगदीश सिंह और धीरेंद्र सिंह ने कोर्ट में तर्क दिया कि जिस स्थान की राजस्व आसूचना निदेशालय के अधिकारियों की ओर से तलाशी ली गई थी। उस जगह की केवल देखरेख के लिए कालू सिंह को नौकरी पर रखा गया था। मौका रिपोर्ट में भी यह तथ्य आया कि परिसर पर ताला लगा हुआ था। जस्टिस चंद्र शेखर शर्मा ने अपने आदेश में कोर्ट में पेश तर्कों, प्रकरण के तथ्यों, सामान और परिस्थितियों आदि का उल्लेख किया। आदेश में कहा कि यदि प्रार्थी-अभियुक्त डीआरआई, जोधपुर में दर्ज केस में ट्रायल कोर्ट में अपनी नियमित उपस्थिति के संबंध में एक लाख रुपए का मुचलका और 50-50 हजार रुपए की दो जमानत पेश कर तस्दीक करा दे, तो उसे इस मामले में जमानत पर तत्काल रिहा कर दिया जाए।
(Udaipur Kiran) / सतीश
