श्रीनगर, 11 सितंबर (Udaipur Kiran) । कश्मीर के सदियों पुराने पश्मीना शिल्प को बुधवार को एसकेयूएएसटी-कश्मीर के शुहामा परिसर में पशु रेशा गुणवत्ता आश्वासन प्रयोगशाला के उद्घाटन के साथ नया संरक्षण प्राप्त हुआ है जिसका उद्देश्य मिलावट पर अंकुश लगाना और इस बहुमूल्य कपड़े में अंतर्राष्ट्रीय विश्वास बहाल करना है।
केंद्रीय कपड़ा सचिव नीलम शमी राव जिन्होंने इस सुविधा का उद्घाटन किया ने पश्मीना को भारत के प्राकृतिक रेशों का स्वर्ण मानक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कारीगरों को उचित मूल्य मिले, साथ ही वह पश्मीना को वैश्विक स्तर पर एक लक्जरी उत्पाद के रूप में स्थापित करने के लिए भारत का फैब्रिक अभियान के तहत एकीकृत ब्रांडिंग पर भी जोर दे रही है।
(Udaipur Kiran) / राधा पंडिता
