

अशोकनगर,10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले में 1007 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन और स्वास्थ्य जांच किया गया जिसमें 3600 हाईरिक्स महिलाओं को चिन्हाकन किया गया। इसी प्रकार 6843 बच्चे कुपोषित एवं 6056 बच्चे शाला त्यागी पाये गए। इस तरह का खुलासा स्वयं कलेक्टर आदित्य सिंह ने बुधवार को किया। यहां अब कुपोषित बच्चों को मोरिंगा के सेवन से बच्चों की सेहत सुधारने का कार्य किया जाएगा।
कलेक्टर का कहना कि अब इन्हें मुख्यधारा से जोडऩे का अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर का कहना कि स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा का संयुक्त हृदय अभियान जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, पोषण तथा शैक्षिक सेवाओं के अंतर्गत मातृ मृत्यु, शिशु मृत्यु के आंकड़ों में कमी लाने और कुपोषण को कम करने के लिये एक साथ अभियान संचालित किया जायेगा। अभियान के अंतर्गत 1007 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन और स्वास्थ्य जांच किया गया जिसमें 3600 हाईरिक्स महिलाओं को चिन्हाकन किया गया।
इसी प्रकार 6843 बच्चों का कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन तथा 6056 शाला त्यागी बच्चों का चिन्हांकन किया गया है जिसमें से 200 बच्चों को मुख्?या धारा से जोड़ा गया। महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत अति कुपोषित बच्चों का चिन्हाकन किया गया। शाला त्यागी बच्चों को मुख्यमंत्री उद्यमी सहायता योजना मुख्यमंत्री उद्यमी सहायता योजना अंतर्गत दसवी अनुत्तीर्ण व 18 वर्ष से अधिक के बालको को मुख्यमंत्री उद्यमी सहायता योजना से जोडा गया। साथ ही प्रवेश दसवी उत्तीर्ण छात्रों को आईटीआई कॉलेज में प्रवेशित कराया गया।
कुपोषित बच्चों के लिए मोरिंगा बताया गया कि कुपोषित बच्चों के लिए मोरिंगा पोषक तत्वों से भरपूर किट का वितरण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 32 वें सप्ताह से गर्भवती माताओं के घर प्रति दूसरे दिन आंगनबाडी कार्यकर्ता एवं आशा की गृहभेंट कर संभावित प्रसव वाली गर्भवती माताओं की पहचान कर मातृ मृत्यु दर को कम करने हेतु संस्थागत प्रसव कराना कुपोषण का नगण्य करना, किशोरी बालिकाओं के एनिमिया स्तर में सुधार। शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव, मातृ मृत्यु दर नगण्य करना। शत प्रतिशत शाला त्यागी बच्चों पुन: शिक्षा से जोडना, 18 वर्ष से अअधिक आयु के बालको को स्व-रोजगार से जोडऩा।
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(Udaipur Kiran) / देवेन्द्र ताम्रकार
