– प्रदर्शनकारियों के तीन समूहों ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश सुशीला कार्की को वार्ता के लिए अपना प्रतिनिधि चुना
काठमांडू, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । नेपाल में जारी जेन-जी (Gen Z) विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में झड़पों और आगजनी की घटनाओं के बीच अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,033 लोग घायल बताए जा रहे हैं। हालात को काबू में करने के लिए नेपाल आर्मी ने देशभर में कर्फ्यू लागू कर दिया है और राजधानी की सुरक्षा पूरी तरह अपने हाथों में ले ली है।
दो दिन तक बंद रहने के बाद काठमांडू एयरपोर्ट आज सीमित उड़ानों के लिए फिर से खोल दिया गया है। हालांकि इंडिगो समेत कई एयरलाइंस ने शाम 6 बजे तक उड़ानों को स्थगित रखा। यात्रियों और पर्यटकों को अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच, प्रदर्शनकारियों के तीन समूहों ने करीब पांच घंटे लंबी बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को वार्ता के लिए अपना प्रतिनिधि चुना है। उनसे उम्मीद है कि वे नेपाल आर्मी प्रमुख के साथ अंतरिम सरकार गठन को लेकर बातचीत करेंगी।
राजधानी में संसद भवन और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया है, जबकि कुछ प्रमुख होटल भी हिंसा की चपेट में आए। प्रशासन ने केवल आपातकालीन सेवाओं को कर्फ्यू से छूट दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आंदोलन केवल राजनीतिक असंतोष नहीं बल्कि भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की कमी के खिलाफ युवाओं का गुस्सा है। अब सबकी निगाहें सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी हैं, जो नेपाल की राजनीति और भविष्य की दिशा तय कर सकती है।
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
