
कानपुर, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । नरौरा और हरिद्वार बांध से छोड़े जा रहे पानी की वजह से कानपुर में गंगा का जलस्तर काफी बढ़ गया है। कटरी किनारे बसे करीब डेढ़ दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी सड़क के रास्ते घरों में घुसने लगा है। जिससे सैकड़ों परिवारों की गृहस्थी अस्त-व्यस्त हो गई है। इसके अलावा खेतों में पानी भरने की वजह से हजाराें बीघा फसलें भी बर्बाद हो गयीं हैं। बाढ़ प्रभावित अधिकांश ग्रामीण सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं। जबकि बाढ़ का पानी चेतावनी बिंदु पार करते हुए 113.23 मीटर तक पहुंच गया है। जिससे अब बाढ़ का खतरा महज 77 सेंटीमीटर दूर है।
कटरी के गोपालपुरवा, बनियापुरवा, भगवानदीनपुरवा, दुर्गापुरवा व लक्ष्मणपुरवा समेत सात गांवों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इतना ही नहीं इन गांवों से बिजली का संपर्क भी टूट गया है। इसके अलावा गिल्लीपुरवा, सुदीनपुरवा, प्रतापपुर हरि, चिरान, भारतपुरवा, डल्लापुरवा, पापरियां, चैनपुरवा, घरामखेड़ा, देवनीपुरवा, पहाड़ीपुर, छोटा मंगलपुरवा, तो वहीं बड़ा मंगलपुर, नत्थूपुरवा, राम निहालपुर गांवों में भी पानी भरने लगा है। ऐसे में ग्रामीणों आवाजाही के लिए नावों का सहारा ले रहे हैं।
गंगा बैराज में गेज मीटर मापने वाले कर्मचारी उत्तम पाल ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि एक बार फिर से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा अपना रौद्र रूप धारण कर तेजी से बह रही है। जिस वजह से चेतावनी मीटर 113.23 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि खतरे का के निशान (114 मीटर) से महज 77 सेमी दूर है।
आगे उन्होंने बताया कि अपस्ट्रीम 115 मीटर व डाउन स्ट्रीम 114.50 मीटर रहा। वहीं आज बैराज से 4,50,936 क्यूसेक पानी छाेड़ा गया है। साथ ही आज नरौरा बांध से 99,613 क्यूसेक और हरिद्वार से 61,904 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं शुक्लागंज में चेतावनी बिंदु (113 मीटर) को पार करते हुए 113.23 मीटर तक जलस्तर पहुंच गया है। यानी बाढ़ के खतरे से महज 77 सेमी दूर है। ऐतियातन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की आवश्यकता है। जिससे की कोई अनहोनी न हो सके।
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(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
