
कानपुर, 10 सितम्बर (Udaipur Kiran) । वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी होगी। युवा केवल शैक्षणिक उपलब्धियों तक सीमित न रहकर नीतियों के निर्माण और क्रियान्वयन में भी योगदान दें। नई पीढ़ी लगातार बदलती तकनीक से रूबरू हो रही है और विकास की गति बनाए रखने के लिए तकनीकी व सामाजिक नवाचारों को साथ लेकर चलना होगा। यह बातें बुधवार को प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं सेवानिवृत्त आईएएस अवनीश कुमार अवस्थी ने कही।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत @2047 संकल्प और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार ने समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत शासन द्वारा नामित पाँच सदस्यीय प्रबुद्धजन प्रतिनिधिमंडल कानपुर नगर पहुँचा और दो सत्रों में विभिन्न हितधारकों से संवाद किया।
पहला सत्र एचबीटीयू के शताब्दी भवन में हुआ, जिसमें विश्वविद्यालयों के छात्रों, प्राध्यापकों और शिक्षाविदों से बातचीत की गई। अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने युवाओं को केवल नौकरी तक सीमित न रहने और उद्यमिता, स्टार्टअप व शोध के क्षेत्र में भी योगदान करने के लिए प्रेरित किया।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने युवाओं को संबोधित करते हुए स्वदेशी तकनीकी के विकास पर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट से ही विकसित भारत एवं विकसित उत्तर प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने छात्रों से प्रदेश को विकसित उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में ठोस सुझाव देने का आह्वान किया।
दूसरा सत्र चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ, जिसमें किसानों, एफपीओ सदस्यों और कृषि वैज्ञानिकों से विस्तृत विमर्श हुआ।
अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने 2017 से अब तक कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। खाद्यान्न उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी 35.3 प्रतिशत, दालों में 17.4 प्रतिशत, गेहूँ में 42.8 प्रतिशत और गन्ने में 54.5 प्रतिशत तक पहुँच गई है। आलू उत्पादन 40.7 प्रतिशत तक बढ़ा है। दुग्ध उत्पादन 7.43 करोड़ टन तक पहुँचा और मत्स्य पालन का आउटपुट शेयर 8.3 प्रतिशत तक पहुँचा है।
उन्होंने कहा कि यदि यही गति बनी रही तो 2047 तक उत्तर प्रदेश कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में देश को आत्मनिर्भर व वैश्विक शक्ति बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा। किसानों को ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और आधुनिक उपकरणों का उपयोग बढ़ाना होगा।
अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि नीति निर्माण में किसानों की राय भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी विशेषज्ञों की। सीएसए के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कहा कि कृषि को नई ऊँचाई देने के लिए वैज्ञानिक निवेश और आधुनिक तकनीक का प्रयोग अनिवार्य है।
(Udaipur Kiran) / रोहित कश्यप
